ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के दृष्टिकोण से पसमांदा मुस्लिम समाज और अशरफ मुस्लिम समाज के बीच मतभेद धार्मिक नहीं, बल्कि वैचारिक हैं। पसमांदा समाज के लोग इस्लाम को उसी तरह से मानते हैं जैसे अन्य मुस्लिम समुदाय, लेकिन समाज में उनके साथ होने वाला व्यवहार और उनके अधिकारों को लेकर सोचने का दृष्टिकोण अशरफ समाज के साथ भिन्न है।
वैचारिक मतभेद का कारण
अशरफ मुस्लिम समाज पारंपरिक रूप से उच्चवर्गीय समझा गया है, जो इतिहास में धार्मिक सत्ता, सामाजिक प्रतिष्ठा, और शासकीय प्रभाव में रहे हैं। इसके विपरीत, पसमांदा मुस्लिम समाज सदियों से समाज के निचले स्तर पर रखा गया है, और उन्हें सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक अधिकारों से वंचित किया गया है। यह भेदभाव पसमांदा समाज के साथ वैचारिक संघर्ष का आधार बनता है। यह संघर्ष इस बात को लेकर है कि पसमांदा समाज को भी समाज में समान अधिकार, सम्मान और राजनीतिक भागीदारी मिलनी चाहिए।
राजनीतिक हिस्सेदारी का सवाल
अशरफ मुस्लिम समाज ने हमेशा राजनीतिक धारा में अपने प्रभाव को बनाये रखा है, और यह सुनिश्चित किया कि पसमांदा समाज की आवाज़ राजनीतिक स्तर पर न उठ सके। उनकी सत्ता में पकड़ के कारण पसमांदा मुस्लिम समाज की राजनीतिक हिस्सेदारी सीमित रही है, जिससे वह समाजिक और आर्थिक सुधारों में पिछड़ गया है। पसमांदा समाज का विचार है कि अशरफ समाज ने उनके हिस्से की राजनीतिक शक्ति का इस्तेमाल किया है और उन्हें सामाजिक न्याय के नाम पर सिर्फ वादों से संतुष्ट किया है।
पसमांदा समाज को गुमराह करने की कोशिशें
पसमांदा महाज़ का मानना है कि सामाजिक न्याय के नाम पर पसमांदा समाज को मुख्यधारा से जोड़े बिना उन्हें धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों में उलझाया गया है। कई बार धर्म के नाम पर समाजिक और राजनीतिक अधिकारों को भूलाकर उन्हें भावनात्मक मुद्दों में उलझा दिया गया, ताकि उनके असली मुद्दे जैसे- रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, और राजनीतिक प्रतिनिधित्व, पीछे रह जाएं।
सामाजिक न्याय और समानता का संघर्ष
ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ का मानना है कि पसमांदा समाज का असली संघर्ष धार्मिक पूजा-पद्धति का नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता का है। यह संगठन इस बात पर जोर देता है कि पसमांदा समाज के सभी सदस्यों को अपनी राजनीतिक, सामाजिक, और आर्थिक हिस्सेदारी प्राप्त होनी चाहिए, और इसके लिए उन्हें एकजुट होना होगा। उन्हें इस वैचारिक संघर्ष को पहचानकर, अपने हक़ की लड़ाई को मजबूती से लड़ना होगा और एकजुट होकर समाज में अपना स्थान बनाना होगा।
संगठन की भूमिका
ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ पसमांदा समाज को राजनीतिक और सामाजिक जागरूकता के माध्यम से सशक्त बनाने का प्रयास कर रहा है। इस संगठन का उद्देश्य पसमांदा समाज को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है ताकि वे अपने हक़ के लिए संगठित होकर आवाज उठा सकें।