लखनऊ। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ (AIPMM) की एक महत्वपूर्ण ज़ूम मीटिंग आयोजित हुई। इस मीटिंग की अध्यक्षता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज़ हनीफ ने की, जबकि मीटिंग के कोऑर्डिनेटर एवं ऑर्गनाइजर मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुहम्मद युनुस थे। बैठक में राष्ट्रीय, प्रदेश, ज़िला स्तर के पदाधिकारी, पसमांदा विचारक एवं पसमांदा एक्टिविस्ट शामिल हुए।
वक़्फ़ संशोधन विधेयक 2025 पर संगठन का रुख
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि वक़्फ़ संशोधन विधेयक 2025 का संगठन समर्थन करता है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण संशोधनों की मांग के साथ। संगठन ने सरकार से आग्रह किया कि वक़्फ़ संपत्तियों को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचाने वाले प्रावधान विधेयक में शामिल न किए जाएं।
संगठन का मानना है कि वक़्फ़ संपत्तियों का दुरुपयोग और उन पर अवैध कब्जे समाप्त किए जाने चाहिए तथा वक़्फ़ संपत्तियों से मिलने वाली आय को सही दिशा में प्रयोग किया जाना चाहिए, जिससे समाज के वंचित तबकों को वास्तविक लाभ मिल सके। संगठन ने इस धन के उपयोग के लिए निम्नलिखित प्राथमिकताएं तय की हैं:
1. ग़रीब और बेसहारा पसमांदा मुस्लिम बच्चियों एवं बच्चों की शिक्षा
2. स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और सुधार
3. आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के उत्थान हेतु योजनाएं
इसके अलावा, कुछ सदस्यों का मत था कि वक़्फ़ संशोधन विधेयक को सिलेक्ट कमेटी में भेजा जाए, ताकि इसमें सुधार के लिए सभी पक्षों की राय ली जा सके। संगठन का मानना है कि इस विधेयक पर सिलेक्ट कमेटी में चर्चा होने से इसे और प्रभावी बनाया जा सकता है।
अशरफी संगठनों के धरना प्रदर्शन से अलग रहने का निर्णय: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने स्पष्ट रूप से 10 मार्च 2025 को जंतर-मंतर पर होने वाले धरना प्रदर्शन से खुद को अलग रखने का निर्णय लिया है। संगठन का मानना है कि यह प्रदर्शन राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से किया जा रहा है और इसका असली मकसद वक़्फ़ संपत्तियों के सही इस्तेमाल को सुनिश्चित करना नहीं है। संगठन ने पसमांदा मुस्लिम समाज के युवाओं, बच्चों और बच्चियों से अपील की है कि वे इस प्रकार के धरना प्रदर्शनों का हिस्सा न बनें। संगठन का स्पष्ट मत है कि वक़्फ़ संपत्तियों का मुद्दा धरने-प्रदर्शन से नहीं, बल्कि प्रभावी नीति और पारदर्शी प्रशासन से हल होगा।
AIPMM ज़कात फाउंडेशन की स्थापना पर सर्वसम्मति: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने AIPMM ज़कात फाउंडेशन के गठन पर सर्वसम्मति से सहमति दी और इस पहल का स्वागत किया। इस फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य पसमांदा मुस्लिम समाज और अन्य गरीब तबकों के लिए आर्थिक सहायता और विकास के अवसर उपलब्ध कराना है।
फाउंडेशन के प्रमुख लाभ:
✅ लोन की सुविधा: गरीब एवं जरूरतमंद पसमांदा मुस्लिम परिवारों को आसान और ब्याज-मुक्त लोन की सुविधा दी जाएगी।
✅ शिक्षा और स्कॉलरशिप: ग़रीब बच्चों की शिक्षा में सहयोग के लिए स्कॉलरशिप और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
✅ स्वास्थ्य सेवाएं: जरूरतमंदों को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं और स्वास्थ्य संबंधी सहायता दी जाएगी।
✅ रोज़गार एवं स्वरोजगार: बेरोज़गार युवाओं को स्वरोजगार के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
संगठन के पदाधिकारियों और सदस्यों का समर्थन- इस निर्णय पर संगठन के सभी सदस्यों ने खुशी और संतोष व्यक्त किया। बैठक में उपस्थित राष्ट्रीय, प्रदेश और ज़िला स्तर के पदाधिकारियों ने इस पहल को समाज के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया और इसके प्रभावी क्रियान्वयन में सहयोग करने का आश्वासन दिया। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ की इस महत्वपूर्ण बैठक में लिए गए फैसले यह दर्शाते हैं कि संगठन पसमांदा समाज के वास्तविक हितों के लिए कार्य कर रहा है। संगठन का मुख्य उद्देश्य वक़्फ़ संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित करना और पसमांदा मुस्लिम समाज को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
संगठन का स्पष्ट संदेश: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ का यह स्पष्ट संदेश है कि वह किसी भी राजनीतिक स्वार्थ की राजनीति से दूर रहकर समाज के वास्तविक विकास के लिए कार्य करेगा और पसमांदा मुस्लिम समाज के युवाओं को भी इस दिशा में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज हनीफ, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद यूनुस, राष्ट्रीय महासचिव व महाराष्ट्र संयोजक कमरुद्दीन, पूर्व आईएएस आफिसर अनीस अंसारी, कोषाध्यक्ष मोहम्मद इदरीस, राष्ट्रीय सलाहकार डाॅ. फैयाज अहमद फैजी, इं. अख्तर हुसैन, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ताहिर हुसैन, मध्य उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अफजल अंसारी, झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष अब्बू शहीद अंसारी, प्रभारी इं. शफकत अली, पसमांदा एक्टिविस्ट अब्दुल्ला मंसूर, जिला अध्यक्ष डाॅरु तारिक शाह, शादाब, सलीम मोहम्मद, अबू हुरैरा, अब्दुल रकीब आलम, इरफान अंसारी, शकील लेड़ी, एहतेशाम आदिल लोग उपस्थित रहे।