शहीद परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त कर उनके आत्मा की शांति के लिए की प्रार्थना
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई 2025 को हुए सीजफायर समझौते का ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने स्वागत किया है। यह समझौता दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच बातचीत के बाद लागू हुआ, जिसके तहत थल, जल, और वायु क्षेत्र में सभी सैन्य गतिविधियाँ तत्काल प्रभाव से रोक दी गईं। इस कदम को वैश्विक स्तर पर शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, विशेषकर तब जब दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं।
सीजफायर का स्वागत और प्रधानमंत्री की भूमिका- ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने इस सीजफायर को शांति और स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया है। संगठन का कहना है कि कुछ लोग माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को इस समझौते के लिए ट्रोल कर रहे हैं, जो न केवल अनुचित है, बल्कि देश के व्यापक हितों को नजरअंदाज करने जैसा है। भारत सरकार ने यह निर्णय देश की प्रभुता और अखंडता को सर्वोपरि रखते हुए लिया है। सीजफायर का फैसला अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, और कतर जैसे देशों की मध्यस्थता के बाद हुआ, जिन्होंने पाकिस्तान को तनाव कम करने के लिए समझाया। यह कदम वैश्विक समुदाय की उस चिंता को भी दर्शाता है कि दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच किसी भी तरह का सैन्य संघर्ष वैश्विक तबाही का कारण बन सकता है।
भारत की कार्रवाई: आतंकी ठिकानों पर प्रहार- यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि भारत ने पाकिस्तान की जनता या सेना पर कोई हमला नहीं किया। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में स्थित उन आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जो पहलगाम आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार थे। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए इस हमले में 26-28 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था, और भारतीय सेना ने रॉ (RAW) की खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। यह कार्रवाई उन आतंकवादियों के खिलाफ थी, जो भारत में निर्दोष लोगों की जान ले रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद साफ कहा था कि आतंकियों और उनके समर्थकों को ऐसी सजा दी जाएगी, जो उनकी कल्पना से परे होगी। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ इस बात पर जोर देता है कि भारत की कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी, न कि पाकिस्तान की जनता या सेना के खिलाफ।
सीजफायर की आवश्यकता और वैश्विक परिप्रेक्ष्य- भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। यदि दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ता, तो यह न केवल दक्षिण एशिया, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारी तबाही का कारण बन सकता था। वैश्विक समुदाय, विशेषकर अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, और कतर ने इस खतरे को भाँपते हुए दोनों देशों को शांति वार्ता के लिए प्रेरित किया। सीजफायर समझौते के तहत 12 मई 2025 को दोनों देशों के बीच अगले दौर की बातचीत प्रस्तावित है, जिसमें स्थायी शांति पर विचार किया जाएगा।
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ उन लोगों से अपील करता है, जो इस समझौते की आलोचना कर रहे हैं, कि वे व्यापक परिप्रेक्ष्य को समझें। युद्ध का रास्ता चुनने से न केवल दोनों देशों की जनता को भारी नुकसान होता, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और शांति भी खतरे में पड़ सकती थी। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सुरक्षा और वैश्विक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया, जो उनकी दूरदर्शिता को दर्शाता है।
शहीद परिवारों की दशा: एक भावनात्मक अपील- ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ उन लोगों से गुजारिश करता है, जो सीजफायर की आलोचना कर रहे हैं, कि वे उन परिवारों से मिलें, जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने प्रियजनों को खोया है। पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिवारों का दर्द, या सीमा पर शहीद हुए जवानों के परिजनों की पीड़ा, केवल वही समझ सकते हैं, जो इसे करीब से देख चुके हैं। उदाहरण के लिए, पहलगाम हमले में 27 वर्षीय सुदीप न्यौपाने की मौत ने उनके परिवार को सदमे में डाल दिया। उनकी 89 वर्षीय दादी खेमानंद न्यौपाने ने बताया कि सुदीप अपनी माँ, बहन, और बहनोई के साथ छुट्टियाँ मनाने पहलगाम गए थे, लेकिन आतंकियों की गोली ने उनकी जिंदगी छीन ली।
इसी तरह, अखनूर सेक्टर में पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन के दौरान बीएसएफ जवान मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए। उनके परिवार का दुख अथाह है। ऐसे परिवारों की स्थिति को देखकर यह समझा जा सकता है कि युद्ध और आतंकवाद केवल विनाश लाते हैं। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ का कहना है कि शांति का रास्ता ही इन परिवारों को भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचा सकता है।
आतंकवाद का कोई धर्म नहीं- संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। पहलगाम हमले की निंदा करते हुए देश का पूरा मुस्लिम समुदाय पीड़ितों के साथ खड़ा था और आज भी देश के साथ खड़ा है ।
निष्कर्ष और अपील- ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ का मानना है कि सीजफायर का निर्णय न केवल भारत और पाकिस्तान, बल्कि पूरे विश्व के हित में है। यह समझौता आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को कमजोर नहीं करता, बल्कि इसे वैश्विक समर्थन के साथ और मजबूत करता है। संगठन देशवासियों से अपील करता है कि वे शहीद परिवारों के दर्द को समझें और शांति के प्रयासों का समर्थन करें। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की कूटनीतिक और सैन्य ताकत पर भरोसा रखें, जो आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर अडिग है।
आइए, हम सब मिलकर शांति, एकता, और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ दें, ताकि हमारे देशवासियों को भविष्य में ऐसी त्रासदियों का सामना न करना पड़े।
मुहम्मद युनुस
मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़