वक्फ संशोधन अधिनियम पर SC का अंतरिम आदेश, मुस्लिम संगठनों में मिली-जुली प्रतिक्रिया

  • AIMPLB ने आदेश को बताया “अधूरा”, पसमांदा महाज़ ने किया स्वागत

  • ‘वक्फ बाई यूज़र’ पर विवाद तेज, जमीयत उलमा-ए-हिंद के दोनों गुट आमने-सामने

  • SC फैसले के बाद 16 नवम्बर को रामलीला मैदान में AIMPLB की रैली

  • पसमांदा नेताओं का बयान – फैसला संविधान और न्याय की रक्षा करने वाला

           

      नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर दिए गए अंतरिम आदेश को लेकर मुस्लिम संगठनों और नेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं।

    • ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB): आदेश को “अधूरा और असंतोषजनक” बताते हुए कहा कि जिन प्रावधानों पर रोक नहीं लगी है, उनका दुरुपयोग हो सकता है। प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास ने कहा कि ‘सेव वक्फ कैंपेन’ के तहत 16 नवम्बर को रामलीला मैदान, दिल्ली में रैली होगी।

    • ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़: राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष शारिक अदीब अंसारी ने फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह संविधानिक सिद्धांतों की रक्षा करता है तथा पसमांदा वर्गों के अधिकारों को संरक्षित करेगा।

    • जमीयत उलमा-ए-हिंद (JUH), महमूद मदनी गुट: आदेश को अधूरा बताते हुए कहा कि जब तक ‘वक्फ बाई यूज़र’ की पूर्ण सुरक्षा नहीं होगी, तब तक संतोषजनक नहीं कहा जा सकता। उन्होंने बताया कि देश में 4 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियाँ ‘वक्फ बाई यूज़र’ के अंतर्गत आती हैं।

    • जमीयत, अरशद मदनी गुट: कुछ प्रावधानों पर अंतरिम राहत का स्वागत किया, लेकिन अधिनियम को “संविधान के खिलाफ़ साज़िश” बताया और विश्वास जताया कि सुप्रीम कोर्ट इस कानून को पूरी तरह निरस्त करेगा।