ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ का वडोदरा, गुजरात में ऐतिहासिक आगाज़

राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री शारिक अदीब अंसारी एवं राष्ट्रीय प्रभारी श्री अहमद अंसारी का भव्य स्वागत
वडोदरा (गुजरात) ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री शारिक अदीब अंसारी तथा राष्ट्रीय प्रभारी श्री अहमद अंसारी का आज वडोदरा रेलवे स्टेशन पर भव्य स्वागत किया गया। स्वागत समारोह में प्रदेश अध्यक्ष श्री सलीम गरासिया, श्री नासिर भाई गरासिया, श्री आक़िब कुरैशी, श्री मुनव्वर कुरैशी, और श्री एहतेशाम कुरैशी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। फूलमालाओं और जोशपूर्ण नारों के बीच दोनों नेताओं का गर्मजोशी से अभिनंदन हुआ।

सम्मान समारोह और संवाद की तैयारी- वडोदरा पहुँचने के बाद दोनों पदाधिकारियों को स्थानीय होटल में सम्मानित किया गया, जहाँ 6 अक्टूबर 2025 को आयोजित होने वाले “पसमांदा जागरूकता संवाद” की तैयारियों की समीक्षा की गई। इस संवाद में गुजरात के विभिन्न ज़िलों से पसमांदा समाज के प्रतिनिधि, कार्यकर्ता, सामाजिक चिंतक, और शिक्षित युवा हिस्सा लेंगे। यह आयोजन गुजरात में संगठन का पहला आधिकारिक कार्यक्रम है, जो पसमांदा आंदोलन के इतिहास में एक ऐतिहासिक पड़ाव होगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य पसमांदा समाज में जागरूकता फैलाना, संगठन की विचारधारा को मजबूत करना, और सामाजिक, आर्थिक, व शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए ठोस रणनीति तैयार करना है।

पसमांदा आंदोलन का विस्तार- राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री शारिक अदीब अंसारी ने कहा: “गुजरात की धरती पर यह संवाद पसमांदा एकता, भाईचारे और आत्मसम्मान की दिशा में एक नई शुरुआत है। हमारा लक्ष्य हर राज्य में पसमांदा समाज के युवाओं, महिलाओं, और बुद्धिजीवियों को जोड़कर सकारात्मक परिवर्तन लाना है।” राष्ट्रीय प्रभारी श्री अहमद अंसारी ने कहा “पसमांदा आंदोलन की ताकत विचार, शिक्षा, और एकता में निहित है। संगठन का हर कदम सामाजिक न्याय, समानता, और देश की प्रगति को समर्पित है।”

गुजरात टीम की आत्मनिर्भरता- गुजरात प्रदेश अध्यक्ष श्री सलीम गरासिया और उनकी टीम ने इस आयोजन की पूरी व्यवस्था स्वयं की, बिना किसी बाहरी वित्तीय सहायता के। संगठन द्वारा आर्थिक सहयोग की पेशकश को श्री गरासिया ने सम्मानपूर्वक अस्वीकार करते हुए आत्मनिर्भरता का परिचय दिया। राष्ट्रीय नेतृत्व ने गुजरात टीम की इस प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की और इसे अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायक बताया। यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि पसमांदा समाज के आत्मसम्मान, समानता, और अधिकार की लड़ाई का नया अध्याय है। यह पसमांदा आंदोलन के देशव्यापी जनआंदोलन बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो शिक्षा, सामाजिक न्याय, और आर्थिक सशक्तिकरण के मूल्यों पर आधारित है।