ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज की लखनऊ बैठक सम्पन्न

एसआईआर और वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण पर जोर
लखनऊ। आज लखनऊ स्थित ’ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज’ के राष्ट्रीय कार्यालय पर राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष हाजी मोहम्मद नेहाल अंसारी की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश कार्यकारिणी की नवंबर माह की मासिक बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक का मुख्य उद्देश्य एसआईआर में नाम दर्ज कराना और वक्फ संपत्तियों को “उमीद पोर्टल 2025” पर पंजीकृत कराने को लेकर संगठन के स्तर पर ठोस रणनीति बनाना रहा।
बैठक की शुरुआत करते हुए राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष हाजी नेहाल अंसारी ने कहा कि पसमांदा समाज को अब अपने अधिकारों की सुरक्षा और सरकारी लाभों में समान भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ’एसआईआर में नाम दर्ज कराना अत्यंत आवश्यक’ है। उन्होंने बताया कि यह एक संवैधानिक और सामान्य प्रक्रिया है, जिससे किसी को भी डरने या भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है। वर्ष 2003 में भी एसआईआर की प्रक्रिया लागू की जा चुकी है।
हाजी नेहाल ने कहा कि “एसआईआर में नाम दर्ज कराने से सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर पहचान मजबूत होगी और विभिन्न योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी।” उन्होंने यह भी बताया कि इसके लिए केवल किसी एक प्रमाणिक दस्तावेज की आवश्यकता है, जैसे-पेंशन पेमेंट ऑर्डर,सरकारी या स्थानीय निकाय द्वारा जारी प्रमाणपत्र, बैंक या पोस्ट ऑफिस सर्टिफिकेट, एलआईसी प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र या पासपोर्ट, शैक्षिक प्रमाण पत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर या भूमि आवंटन प्रमाण पत्र आदि। इनमें से कोई एक दस्तावेज देकर नागरिक आसानी से पंजीकरण करा सकता है।
’राष्ट्रीय सलाहकार डॉ. फैयाज अहमद फैजी ने वक्फ संपत्तियों के संरक्षण पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि “आज वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए उन्हें ’उमीद सेंट्रल पोर्टल 2025’ पर दर्ज कराना अत्यंत आवश्यक है।” उन्होंने कहा कि मस्जिद, कब्रिस्तान, ईदगाह, मदरसा, दरगाह, इमामबाड़ा, रौजा आदि जैसी संपत्तियाँ वक्फ की धरोहर हैं, और इनके मुतवल्ली, सदर, सज्जादा नशीन, खादिम, अमीन आदि को 5 दिसंबर 2025 तक अपने वक्फ की विवरणी पोर्टल पर दर्ज करानी चाहिए। डॉ. फैजी ने इसे “एक कानूनी और प्रशासनिक आवश्यकता” बताया और कहा कि इससे वक्फ संपत्तियों के गलत उपयोग और कब्जे पर नियंत्रण स्थापित होगा। प्रदेश प्रभारी अफजल अंसारी ने कहा कि एसआईआर से किसी भी व्यक्ति या समुदाय को कोई हानि नहीं होगी, बल्कि इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ेगा।
उन्होंने स्पष्ट कहा “यह कदम न केवल प्रशासनिक सुधार लाएगा, बल्कि आने वाले चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। वहीं प्रदेश महासचिव मो. इलियास ने संगठन के विस्तार की दिशा में सुझाव देते हुए कहा कि प्रत्येक पदाधिकारी को अपने-अपने जिलों और विभागों से अधिकाधिक लोगों को जोड़ने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा पसमांदा समाज की ताकत उसके एकजुट होने में है। यदि हम प्रत्येक स्तर पर संवाद और सहयोग बनाए रखें, तो संगठन अपने उद्देश्य में सफल होगा।
इस अवसर पर संगठन के प्रमुख पदाधिकारीगण उपस्थित रहे, जिनमें राष्ट्रीय प्रधान महासचिव मारूफ अंसारी, लखनऊ जिला अध्यक्ष फैज मोहम्मद, जफर आलम, एहतेशाम, अलतमश अल्लामा, और शकील लेड़ी सहित अनेक कार्यकर्ता व सदस्य सम्मिलित हुए। बैठक का समापन हाजी नेहाल अंसारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से आगामी माह में एसआईआर पंजीकरण और वक्फ संपत्तियों के संरक्षण हेतु जन-जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया।