मुसलमानो ने जिन्हें भी अपना नेता माना उन सभी ने अपने समाज को धोखा दिया,
उबैदुल्ला खां आज़मी राज्य सभा गये समाज के लिए कुछ भी नहीं किया अपने समाज को धोखा दिया
अली अनवर अंसारी राज्य सभा गये समाज के लिए कुछ भी नहीं किया अपने समाज को धोखा दिया
डॉ अयुब सर्जन राजनीति मे सक्षम नहीं है वे खुद अपनी ही जगह नहीं बना पाए
वसिम नैयर अंसारी जिसे अंसारी महापंचायत ने अपना नेता चुना लेकिन वो भी बहुत ही जल्दबाजी में अपनी एक पार्टी बना लिया यहां तक तो ठीक था लेकिन यही नहीं रुका 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ हो लिया फिर भी रुका नहीं बिहार में चार विधानसभा सीटो पर उप चुनाव से ठीक पहले वसिम नैयर अंसारी ने जन सुराज में विलय कर लिया
अब बात करते हैं ओवैसी साहब की तो राजनीति उन्हें विरासत में मिली है चुकी उनके अब्बा भी लोकसभा सदस्य थे और ओवैसी साहब माशा अल्लाह बैरिस्टर भी है लेकिन जहां तक राजनीतिक की बात है तो मुझे लगता है कि राजनीति में कच्चे खिलाड़ी है 20% को जागरूक करने के चक्कर मे 80% को उकसा रहे हैं आप दिल्ली का चुनाव देख लिजिए चुनावी सभा मे नारै तकविर को बुलंद करना यही दर्शाता है कि राजनीति में ओवैसी साहब अभी कच्चे खिलाड़ी है, झारखंड में महाराष्ट्र में और अब दिल्ली में क्या हश्र हुआ ओवैसी साहब के पार्टी का और उनके उम्मीदवार का,
अब आप लोग बताएं मुसलमान किसको अपना नेता बनाएं
मुस्लिम समाज का नेता कौन?
Repression Of Urdu-Speaking Muhajirs Who Left India In Search Of Dreamland Called Pakistan
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