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गांधी मैदान पटना की कॉफी : पसमान्दा राजनीति का एक सबक

कुछ महीने पहले, जब मैं पटना में था, तो मैं एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के साथ कैफ़े कॉफी डे में बैठा था, जो ऐतिहासिक गांधी […]

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जाति की जंजीरों को तोड़ना: पासमांदा मुसलमानों का समावेशी नेतृत्व की ओर संघर्ष

भारत के विविध मुस्लिम समाज के हृदय में एक असहज सच्चाई छिपी हुई है — एक गहराई तक जमी हुई जातिगत संरचना, जो न केवल […]

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बँटवारे का दर्द, सत्ता का लालच और पसमांदा का संघर्ष

“पसमांदा की असली लड़ाई — धर्म नहीं, बराबरी और इंसाफ़ की लड़ाई है” “धर्म के नाम पर सत्ता की राजनीति ने पसमांदा समाज को सबसे […]

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कट्टरपंथ को रोकने में समुदाय की भूमिका

कट्टरपंथ हमारे समय की सबसे जटिल चुनौतियों में से एक बनकर उभरा है, जो जातीय, धार्मिक और राजनीतिक सीमाओं से परे समाजों को प्रभावित कर […]

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 मुगल और ब्रिटिश काल में पसमांदा मुस्लिम समाज की स्थिति: एक ऐतिहासिक विश्लेषण

भारत का इतिहास केवल सुल्तानों, नवाबों और बादशाहों की दास्तान नहीं है, बल्कि यह उन मेहनतकश वर्गों की भी कहानी है जिन्होंने अपने परिश्रम, कौशल […]

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हज़रत पैग़म्बर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की पैदाइश

इंसानी इतिहास का एक अहम मोड़ और आज के मुसलमानों के लिए एक आईना हज़रत पैग़म्बर मुहम्मद (स.अ.व.) की पैदाइश सिर्फ़ मुसलमानों के लिए मुक़द्दस […]

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भाजपा की पसमान्दा पहुंच और भारत में मुस्लिम राजनीति का पुनर्निर्माण

भारत की सियासी रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अब अपना ध्यान पसमान्दा मुसलमानों की ओर केंद्रित किया है […]

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“अर्जला मुस्लिम”: नई परिभाषा या पुरानी साजिश

“अर्जला मुस्लिम”: नई परिभाषा या पुरानी साजिश? – पसमांदा आंदोलन के विरुद्ध एक विभाजनकारी प्रयोग भारत के बहुसंख्यक मुस्लिम समाज का एक बड़ा हिस्सा — […]

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