ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ की ज़ूम मीटिंग और वक्फ संशोधन कानून 2025 पर चर्चा

लखनऊ। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ (एआईपीएमएम) ने एक महत्वपूर्ण ज़ूम मीटिंग का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज़ हनीफ ने की। इस मीटिंग का संचालन और संगठन मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मुहम्मद यूनुस ने किया। मीटिंग में संगठन के प्रमुख नेताओं और सदस्यों ने भाग लिया, जिनमें राष्ट्रीय सलाहकार एवं दिल्ली सरकार के ज्वाइंट सेक्रेटरी समीन अंसारी (मुख्य वक्ता), राष्ट्रीय सलाहकार दुबई अख़्तर हुसैन, राष्ट्रीय महासचिव कमरुद्दीन अंसारी, महाराष्ट्र संयोजक अबु शहीद अंसारी, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष शफकत अंसारी, बिहार प्रदेश अध्यक्ष तारिक अनवर, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मोहम्मद इदरीस आदि शामिल थे।

इस बैठक में तीन मुख्य विषयों पर चर्चा हुई:
1. वक्फ संशोधन कानून 2025
2. पटना, लखनऊ और झारखंड में प्रस्तावित प्रेस कॉन्फ्रेंस
3. पटना और झारखंड में आयोजित होने वाले ईद मिलन समारोह

1. वक्फ संशोधन कानून 2025 पर चर्चा और प्रस्ताव- ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने वक्फ संशोधन कानून 2025 के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट की और एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया। इस प्रस्ताव में कुछ अशरफिया संगठनों, बुद्धिजीवियों और उलमा द्वारा इस कानून के खिलाफ फैलाए जा रहे दुष्प्रचार को “भ्रामक” और “समाज को गुमराह करने वाला” करार दिया गया। संगठन का मानना है कि इस बिल के प्रति फैलाई जा रही अफवाहें पसमांदा मुस्लिम समाज के हितों के खिलाफ हैं और इससे समाज में भय और असंतोष पैदा करने की कोशिश की जा रही है।

एआईपीएमएम ने इस कानून का समर्थन करते हुए कहा कि यह पसमांदा मुस्लिम समाज के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। संगठन ने बिल के पारित होने तक सरकार और संबंधित पक्षों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखा और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किया। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष संगठन ने अपनी आपत्तियाँ और सुझाव प्रस्तुत किए थे, जिनमें “वक्फ बाय यूज़र” और पसमांदा मुस्लिम समाज की भागीदारी जैसे मुद्दे प्रमुख थे। सरकार ने इन सुझावों को स्वीकार कर लिया है, जिससे इस कानून के लागू होने पर पसमांदा समाज को लाभ मिलने की संभावना बढ़ गई है।

संगठन ने यह भी तय किया कि बिल के बारे में फैलाई जा रही अफवाहों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाया जाएगा। एआईपीएमएम का स्पष्ट मत है कि वक्फ संशोधन कानून 2025 न तो मुस्लिम समुदाय को और न ही विशेष रूप से पसमांदा मुस्लिम समाज को किसी तरह का नुकसान पहुँचाएगा। कुछ अशरफिया संगठनों द्वारा यह अफवाह फैलाई जा रही है कि इस कानून से मस्जिदों, मदरसों, मजारों और कब्रिस्तानों पर कब्जा कर लिया जाएगा। संगठन ने इसे पूरी तरह गलत और भ्रामक करार देते हुए इन दावों की कड़ी निंदा की। एआईपीएमएम का कहना है कि ये संगठन बीजेपी सरकार के प्रति नफरत फैलाने और समाज में ज़हर घोलने का काम कर रहे हैं, जो अस्वीकार्य है।

संगठन का मानना है कि आम हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समाज उदारवादी है और सभी धार्मिक स्थलों जैसे मंदिरों, मस्जिदों, मजारों, कब्रिस्तानों, गुरुद्वारों और चर्चों का सम्मान करते हैं। हालाँकि, कुछ असामाजिक तत्व मस्जिदों, मजारों या चर्चों पर भगवा झंडा फहराने जैसी हरकतें करते हैं, जिसकी एआईपीएमएम कड़े शब्दों में निंदा करता है और सरकार से ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की माँग करता है। फिर भी, संगठन का यह भी कहना है कि ऐसी घटनाओं के लिए पूरे धार्मिक समुदाय को दोषी ठहराना उचित नहीं है।

बिल के पारित होने के बाद अब नियम (रूल्स) बनाने की प्रक्रिया पर नजर रखने की जरूरत पर बल दिया गया। संगठन ने यह निर्णय लिया कि जो मस्जिदें, मदरसे, मजार और कब्रिस्तान किसी कारणवश रजिस्टर्ड नहीं हैं, उनकी रजिस्ट्रेशन में सहायता की जाएगी। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी कई संपत्तियाँ हैं, जिनके पास कोई दस्तावेज नहीं हैं। संगठन ने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस दिशा में काम चल रहा है। इसके लिए एक विशेष ज़ूम मीटिंग 11 अप्रैल 2025 को रात 10 PM पर आयोजित की जाएगी, जिसमें विशेषज्ञ समीन अंसारी इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे और मार्गदर्शन देंगे।

2. प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन-
एआईपीएमएम ने वक्फ संशोधन कानून 2025 के बारे में समाज को सही जानकारी देने और अफवाहों का खंडन करने के लिए पटना, झारखंड और लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने का फैसला किया है। इन कॉन्फ्रेंस की तारीखें निम्नलिखित हैं:
– पटना: 10 अप्रैल 2025,     – झारखंड: 14 अप्रैल 2025,   – लखनऊ: 20 अप्रैल 2025

इन प्रेस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य मुस्लिम समाज, विशेष रूप से पसमांदा मुस्लिम समाज, को यह आश्वस्त करना है कि वक्फ संशोधन बिल से वक्फ संपत्तियों को कोई नुकसान नहीं होगा। संगठन ने जेपीसी से लेकर बिल के पारित होने तक सरकार के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया कि मस्जिदों, मजारों, कब्रिस्तानों और मदरसों की सुरक्षा बनी रहे। साथ ही, “वक्फ बाय यूज़र” प्रावधान को लागू करने की दिशा में भी कदम उठाए गए हैं।

संगठन ने स्पष्ट किया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसी कोई बात नहीं की जाएगी जो समाज में भय या डर को बढ़ावा दे। इसके बजाय, समाज के डर को दूर करने और सकारात्मक संदेश देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह भी निर्देश दिया गया कि कोई भी वक्ता किसी राजनीतिक दल के प्रवक्ता की तरह व्यवहार न करे। इसके लिए संगठन जल्द ही लिखित दिशा-निर्देश जारी करेगा।

इसके अतिरिक्त, संगठन ने मस्जिदों, मजारों, कब्रिस्तानों और मदरसों को रजिस्टर्ड कराने के लिए सभी जिलों में अभियान चलाने का फैसला किया है। हर प्रदेश में एक टीम गठित की जाएगी जो लोगों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में मदद करेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ ऐसी संपत्तियों के पास कोई दस्तावेज नहीं हैं, वहाँ भी संगठन सरकार से बातचीत कर रहा है और अगले एक-दो दिनों में इसके लिए कोई समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा। संगठन ने समाज से संयम और भाईचारा बनाए रखने की अपील की है और किसी भी बहकावे में न आने को कहा है।

कुछ लोगों द्वारा वक्फ संशोधन कानून का समर्थन करने पर धमकियाँ देने की घटनाओं की निंदा करते हुए संगठन ने कहा कि संविधान विरोध करने का अधिकार देता है, तो समर्थन करने का अधिकार भी देता है। पसमांदा मुस्लिम समाज से टकराव से बचने और सोशल मीडिया पर गैर-जरूरी पोस्ट न करने या शेयर न करने की अपील की गई।

3. ईद मिलन समारोह- पटना और झारखंड में ईद मिलन समारोह आयोजित करने की योजना बनाई गई है। ये समारोह निम्नलिखित तारीखों पर होंगे: – पटना: 19 अप्रैल 2025 –   झारखंड: 14 अप्रैल 2025

इन आयोजनों की जिम्मेदारी प्रदेश कार्यकारिणी को सौंपी गई है। केंद्रीय नेतृत्व ने निर्देश दिया कि इन समारोहों में सभी समुदायों के लोगों को आमंत्रित किया जाए ताकि आपसी भाईचारा और सौहार्द को बढ़ावा मिले। इन आयोजनों का खर्च मुख्य रूप से प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा वहन किया जाएगा, हालाँकि केंद्रीय नेतृत्व जरूरत पड़ने पर सीमित सहायता प्रदान कर सकता है।

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने वक्फ संशोधन कानून 2025 को पसमांदा मुस्लिम समाज के हित में बताया और इसके समर्थन में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। संगठन ने समाज में फैलाई जा रही अफवाहों का खंडन करते हुए लोगों को जागरूक करने और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का संकल्प लिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस और ईद मिलन समारोह जैसे आयोजनों के माध्यम से संगठन सामाजिक एकता और सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। आने वाले दिनों में होने वाली ज़ूम मीटिंग और अन्य गतिविधियाँ इस दिशा में संगठन के प्रयासों को और मजबूत करेंगी।