नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनावों में पासमांदा मुसलमानों को लुभाने के लिए कई कदम उठाए थे। उन्होंने चुनावी रैलियों में मुस्लिम समुदाय को यह याद दिलाने की कोशिश की उनकी सरकार ने मदरसों को मान्यता दी है और उन्हें सरकारी स्तर पर मानदेय देना शुरू किया है, इसके अलावा, नीतीश कुमार ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी का मुद्दा भी उठाया है, जिससे पहले हिंदू-मुसलमान के बीच झगड़े होते थे, जो अब नहीं होते
नीतीश कुमार का मकसद पसमांदा मुस्लिम वोटों का बिखराव रोकना और उन्होंने दूसरे विपक्षी घटक दल के प्रति सतर्क रहने की अपील की थी। उन्होंने जोर दिया था कि उनकी सरकार ने मुस्लिम समुदाय के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए हैं और अगर मुस्लिम वोट उन्हें नहीं मिले, तो पुराने समय जैसी स्थिति वापस आ सकती है
इस रणनीति का उद्देश्य पसमांदा मुस्लिम वोट बैंक को एकजुट करना और विरोधी दलों के प्रभाव को कम करना था। नीतीश कुमार के इन प्रयासों का असर चुनावों में प्रभावशाली रहा,जिसकी वजह से उनकी पार्टी जदयू को इस आम चुनाव में 12 सीटों पर कामयाबी मिली।।
सरफराज अंसारी