धार्मिक असहिष्णुता पर सख्त कार्रवाई की मांग
संविधान के मूल्यों के खिलाफ हैं क्रिसमस पर हमले
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे सरकार: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़
लखनऊ। भारत में क्रिसमस के पावन अवसर पर देश के कुछ हिस्सों से सामने आ रही घटनाएं अत्यंत चिंताजनक और निंदनीय हैं। चर्चों पर हमले, प्रार्थना सभाओं में बाधा, कैरोल गायन दलों पर हमले, सजावटों की तोड़फोड़ और ईसाई समुदाय को दी जा रही धमकियां लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध हैं।
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने कहा भारत एक बहुधार्मिक और बहुसांस्कृतिक देश है, जहां संविधान प्रत्येक नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार देता है। किसी भी समुदाय को अपने त्योहार शांति और सम्मान के साथ मनाने से रोकना अस्वीकार्य है। ऐसी घटनाएं न केवल सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि देश की अंतरराष्ट्रीय छवि पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।
यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि ये घटनाएं पूरे देश का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं। देश के अधिकांश हिस्सों में क्रिसमस शांति, प्रेम और भाईचारे के साथ मनाया जा रहा है। फिर भी, जहां कहीं भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, वे संविधान और लोकतांत्रिक भावना के खिलाफ हैं।
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ सरकार और प्रशासन से मांग करता है कि दोषियों के विरुद्ध त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही, समाज के सभी वर्गों से अपील है कि नफरत और हिंसा के विरुद्ध एकजुट होकर प्रेम, भाईचारे और सौहार्द का संदेश फैलाएं।
क्रिसमस प्रेम, शांति और करुणा का पर्व है। यह त्योहार पूरे देश में मानवता और एकता का संदेश फैलाए—यही हमारी कामना है।

