अशराफ महिला द्वारा पसमांदा नेता शफीक अंसारी के खिलाफ़ षड्यंत्र: न्याय की जीत

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं समाजसेवी श्री शफीक अंसारी के खिलाफ़ रची गई गहरी साजिश को न्यायालय ने विफल कर दिया। यह मामला एक अशरफ़ महिला द्वारा रचा गया था, जिसे ड्रग माफिया और ब्याजखोरों का समर्थन प्राप्त था। हालाँकि, न्यायपालिका ने तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर इस झूठे मामले को खारिज कर दिया, जिससे यह सिद्ध हो गया कि यह आरोप पूरी तरह से मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण थे।
ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के मुख्यकारी अधिकारी मुहम्मद युनुस ने कहा है कि षड्यंत्र की पृष्ठभूमि शफीक अंसारी पसमांदा समाज के अधिकारों के लिए संघर्षरत एक निष्ठावान नेता हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में पसमांदा समाज के उत्थान के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं। स्थानीय स्तर पर एक अशरफ़ महिला, जो अवैध गतिविधियों में संलिप्त थी, ने जब उनके प्रयासों को विफल करने की कोशिश की और विरोध में रिपोर्ट दर्ज कराई, तो प्रशासन ने उसके अवैध कार्यों पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई की।
इससे बौखलाई महिला ने शफीक अंसारी के खिलाफ़ झूठा बलात्कार का मामला दर्ज करवा दिया और उनके परिवार को भी प्रताड़ित करने के लिए पुलिस से मिलीभगत कर अन्य झूठे मुकदमे दर्ज करवा दिए। इस दौरान उनके मकान को भी गिरा दिया गया, जिससे यह साफ़ हो गया कि यह एक सोची-समझी साजिश थी।
ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री परवेज़ हनीफ ने कहा है कि न्याय की जीत भारतीय न्यायपालिका ने इस षड्यंत्र को नाकाम कर दिया और ठोस साक्ष्यों के अभाव में शफीक अंसारी को सभी आरोपों से बरी कर दिया। न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि यह मामला राजनीतिक और सामाजिक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य एक पसमांदा नेता को बदनाम करना था।
ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शरिक अदीब अंसारी ने कहा है कि ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ इस निर्णय का स्वागत करता है और इसे पसमांदा समाज की एक बड़ी जीत मानता है। यह घटना दर्शाती है कि समाज के जागरूक नेताओं के खिलाफ़ साजिशें रची जाती हैं, लेकिन सत्य और न्याय की जीत हमेशा सुनिश्चित होती है।
ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के संयोजक श्री शमीम अंसारी महाज़ ने अपील किया है कि पसमांदा मुस्लिम समाज अपने अधिकारों के लिए संगठित रहें और अन्याय के विरुद्ध एकजुट होकर संघर्ष करें। संगठन इस तरह की किसी भी साजिश के खिलाफ़ मजबूती से खड़ा रहेगा और समाज के हितों की रक्षा के लिए संकल्पित रहेगा।