ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने गठित किया “पसमांदा मुस्लिम पर्सन लॉ बोर्ड (AIPMUB)

 

दिसंबर 2025 में दिल्ली में होगी राष्ट्रीय “पसमांदा उलमा कॉन्फ्रेंस”, AIPMUB का औपचारिक गठन होगा

धर्म से सामाजिक न्याय तक — पसमांदा मुस्लिम पर्सन लॉ बोर्ड का मिशन: शिक्षा, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय एकता

पसमांदा उलमाओं के सशक्तिकरण की दिशा में नई शुरुआत — महाज़ ने पेश की विस्तृत कार्ययोजना

AIPMUB से पसमांदा समाज में आत्मसम्मान, आधुनिक सोच और संगठनात्मक एकता को मिलेगी नई ऊर्जा

 

लखनऊ। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के अंतर्गत गठित ‘ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम पर्सन लॉ बोर्ड (AIPMUB)’ की प्रगति पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई है। यह बोर्ड पसमांदा मुस्लिम समाज के धार्मिक नेतृत्व को सामाजिक न्याय, शिक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण और राष्ट्रनिर्माण की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है।

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के तत्वावधान में गठित इस बोर्ड की स्थापना समाजिक, शैक्षणिक और धार्मिक पुनर्जागरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। बोर्ड का उद्देश्य पसमांदा मुस्लिम समाज के भीतर ऐसे धार्मिक नेतृत्व (उलमा वर्ग) को संगठित करना है जो केवल पारंपरिक धार्मिक दायरे तक सीमित न रहकर समाज सुधार, शिक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, संवैधानिक समानता और राष्ट्रीय एकता की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाए।

AIPMUB की घोषणा के बाद देश के विभिन्न राज्यों से अत्यंत सकारात्मक और प्रेरणादायक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। देशभर के उलमा, इमाम, मौलाना, हाफ़िज़, कारी और मदरसा शिक्षक इस मिशन से जुड़ने की इच्छा जता रहे हैं। प्रारंभिक परामर्श बैठकों में यह स्पष्ट हुआ कि लंबे समय से समाज को ऐसे मंच की आवश्यकता थी जो धार्मिक विचार को सामाजिक न्याय, शिक्षा और राष्ट्रनिर्माण के साथ जोड़ सके।

बोर्ड के मुख्य उद्देश्यों में धर्म और समाज के बीच संवाद स्थापित कर भाईचारा, सह-अस्तित्व और मानवता के मूल्यों को सशक्त बनाना, पसमांदा समाज के बच्चों को आधुनिक एवं तकनीकी शिक्षा से जोड़ना, स्वरोज़गार और कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना, धार्मिक विमर्श में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना तथा पसमांदा समाज को संविधान और भारतीय संस्कृति की एकता से जोड़ना शामिल है।

देश के अधिकांश कस्बों, नगरों और ग्राम पंचायतों में पसमांदा मुस्लिम उलमा, इमाम, मौलाना, हाफ़िज़, कारी और मदरसा शिक्षक धार्मिक और सामाजिक सेवाओं में सक्रिय हैं। ये लोग मस्जिदों में नमाज़ अदा कराते हैं, बच्चों को कुरआन और दीनी तालीम सिखाते हैं, यानी समाज के धार्मिक ढांचे की रीढ़ हैं। फिर भी, यह देखा गया है कि उच्च धार्मिक नेतृत्व प्रायः अशरफ़ तबके तक सीमित रहा है, जबकि पसमांदा उलमा ज़मीनी स्तर पर समाज की बुनियादी भूमिका निभाते हैं। अब आवश्यकता है कि इन उलमाओं को संगठित, सशक्त और बौद्धिक रूप से प्रशिक्षित किया जाए, ताकि वे समाज के उत्थान और राष्ट्रनिर्माण में प्रभावशाली भूमिका निभा सकें।

AIPMUB के गठन से अपेक्षा की जा रही है कि पसमांदा उलमाओं में आत्मसम्मान, नेतृत्व और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना का विकास होगा। समाज में धार्मिकता के साथ आधुनिक सोच और सामाजिक चेतना का समन्वय स्थापित होगा। युवाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे तथा संगठनात्मक ढांचे में वैचारिक मजबूती आएगी।

AIPMUB का पहला चरण उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में शुरू किया जा रहा है, जहाँ पसमांदा आबादी अधिक है और उलमाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। आगे चलकर दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और ओडिशा में भी इसकी इकाइयाँ गठित की जाएंगी। इसका लक्ष्य आगामी एक वर्ष में राष्ट्रीय स्तर पर संगठनात्मक संरचना स्थापित करना है।

कार्ययोजना के अनुसार राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर बैठकों, परिचर्चाओं और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। मदरसों और सामाजिक संस्थाओं में संवैधानिक अधिकार, शिक्षा और सामाजिक न्याय पर सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।
इसी क्रम में दिसंबर 2025 के अंतिम सप्ताह में दिल्ली में “राष्ट्रीय पसमांदा उलमा कॉन्फ्रेंस” आयोजित की जाएगी, जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि उलमा भाग लेंगे। इसी कॉन्फ्रेंस में AIPMUB का औपचारिक गठन किया जाएगा और वर्ष 2026 के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ (Research Cell) की स्थापना पर चर्चा की जाएगी।

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम पर्सन लॉ बोर्ड (AIPMUB) की यह पहल न केवल पसमांदा समाज के धार्मिक नेतृत्व को सामाजिक न्याय, शिक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण और राष्ट्रनिर्माण की मुख्यधारा से जोड़ेगी, बल्कि समाज में एकता, विचार और आत्मबल का संचार भी करेगी। यह कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए समानता, सम्मान और ज्ञान आधारित भविष्य की नींव रखेगा।

(ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ एक राष्ट्रीय स्तर का संगठन है जो पसमांदा मुस्लिम समुदाय के उत्थान, शिक्षा और सामाजिक न्याय के लिए कार्यरत है।)