सामाजिक सौहार्द की अनूठी मिसाल
बक्सर। बिहार के बक्सर जिले के देवी डीहरा गांव में एक हृदयस्पर्शी घटना ने सामाजिक सौहार्द की नई मिसाल कायम की है। गांव के निवासी जनार्दन सिंह ने अपने 25 वर्षीय पुत्र शिवम कुमार की असामयिक मौत के बाद गहन दुख को भी मानवता की सेवा में बदल दिया। शिवम की मौत 18 नवंबर 2025 को देहरादून में एक सड़क दुर्घटना में हुई थी। इस अपार दुख के बावजूद जनार्दन सिंह ने फैसला लिया कि उनके बेटे का अंतिम संस्कार जिस सम्मान और विधि-विधान से हुआ, वैसा ही सम्मान गांव के गरीब पसमांदा मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी मिलना चाहिए।
जनार्दन सिंह ने अपने परिवार की सहमति से अपनी उपजाऊ कृषि भूमि में से एक बीघा जमीन गांव से सटे सगरा गांव के पसमांदा धोबी मुस्लिम समाज के लिए कब्रिस्तान के रूप में दान कर दी। इस कब्रिस्तान का नाम ‘शिवम धाम कब्रिस्तान‘ रखा गया है, जो उनके दिवंगत पुत्र की स्मृति में समर्पित है। वर्षों से इस क्षेत्र के पसमांदा मुसलमान मुस्लिम रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार के लिए कब्रिस्तान की कमी से जूझ रहे थे। अब इस दान से उनकी यह समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो गई। वर्तमान में यह जमीन खेती के अधीन है और फसल की आय से कब्रिस्तान के विकास कार्य किए जाएंगे।
इस अनूठे कार्य के लिए पसमांदा विचारक एवं ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय सलाहकार डॉ. फैयाज अहमद फैजी ने व्यक्तिगत रूप से उनके घर जाकर जनार्दन सिंह परिवार का आभार व्यक्त किया है। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज (एआइपीएमएम) की ओर से भी इस पहल की भरपूर सराहना की गई है। संगठन के सीईओ मुहम्मद युनुस ने कहा यह कदम सामाजिक न्याय और भाईचारे का प्रतीक है। महाज की ओर से दिवंगत शिवम कुमार की आत्मा की शांति के लिए दुआ की गई कि अल्लाह उन्हें बख्शे और स्वर्ग में स्थान दे।

