आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ बना पसमांदा मुसलमानो की आवाज़

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ (AIPMM) के सम्मानित पदाधिकारियों, समर्पित कार्यकर्ताओं, सक्रिय सदस्यों और समस्त पसमांदा मुस्लिम समाज को मेरा हार्दिक सलाम और मुबारकबाद। आप सभी के अटूट विश्वास, कठिन परिश्रम और निस्वार्थ समर्पण का परिणाम है कि AIPMM आज एक सशक्त, विश्वसनीय और समाज की आवाज़ बन चुका है। यह संगठन न केवल पसमांदा समाज के हक़ की लड़ाई लड़ रहा है, बल्कि उनकी समस्याओं का समाधान और मार्गदर्शन भी प्रदान कर रहा है। देशभर में लोग AIPMM को जानने, समझने और इससे जुड़ने के लिए उत्साहित हैं। यह आपकी साझा मेहनत और जज़्बे की जीत है, जिसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं।

हमारी यात्रा: उपलब्धियां और अनुभव
AIPMM ने पसमांदा समाज के सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हमारी प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:

1. 🎓 शिक्षा: प्रगति की नींव
– पसमानांदा जागरूकता अभियान के तहत गाँवों-कस्बों में शिक्षा का संदेश पहुँचाया गया, जिससे लोग बच्चों की पढ़ाई के प्रति गंभीर हुए हैं।
– लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
– मुफ़्त कोचिंग सेंटर और छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए पहल की जा रही है ताकि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।
– शिक्षा को दीन और दुनिया में कामयाबी का आधार बताया गया।

2. 🏥 स्वास्थ्य: स्वस्थ समाज, सशक्त समाज
– गरीब परिवारों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य शिविर और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
– ऑनलाइन स्वास्थ्य परामर्श शुरू किया गया ताकि सही चिकित्सा मार्गदर्शन मिले।
– मोबाइल क्लीनिक की योजना पर कार्य प्रगति पर है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छे डोक्तटारों की सेवाएँ उपलब्ध होंगी।
– देशभर में डोक्तटारों से संपर्क कर जरूरतमंदों को कम लागत में इलाज दिलाने की कोशिश जारी है।

3. 🗳 राजनीतिक सशक्तिकरण: अपनी आवाज़, अपना नेतृत्व
– पसमांदा समाज को उनके संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।
– राजनीति में सक्रिय लोगों को अपनी पार्टी से समाज के लिए हिस्सेदारी माँगने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
– सक्षम युवाओं को नेतृत्व के लिए तैयार किया जा रहा है ताकि वे समाज की सेवा करें।
– नेतृत्व विकास और प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

4. 💰 आर्थिक सहयोग: आत्मनिर्भरता की ओर
– पसमांदा ज़कात फंड शुरू किया गया, जिसके तहत एक लाख रुपये जुटाए गए और शिक्षा, स्वास्थ्य व स्वरोज़गार में उपयोग किए गए।
– छोटे व्यवसायों और स्वरोज़गार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
– डिजिटल और तकनीकी कौशल प्रशिक्षण पर जोर दिया जा रहा है।
– अगले साल फंड को और सशक्त करने का लक्ष्य है।

गलतफहमियाँ और हमारा स्पष्ट रुख
कुछ लोग दुर्भावना से AIPMM को बीजेपी या RSS से जोड़ते हैं। हम स्पष्ट करते हैं:
– AIPMM एक सामाजिक संगठन है, जो किसी भी राजनीतिक दल या विचारधारा से संबद्ध नहीं है।
– हम सभी दलों का सम्मान करते हैं और लोकतांत्रिक ढाँचे में समाज के हितों को प्राथमिकता देते हैं।
– सत्ताधारी दलों से दूरी बनाकर चिल्लाने से समस्याएँ हल नहीं होतीं; हमें अपनी बात उनके सामने रखनी होगी।
– RSS के साथ सकारात्मक संवाद की नीति अपनाई जा रही है ताकि सामाजिक सौहार्द और पसमांदा समाज की समस्याओं पर चर्चा हो सके।
– AIPMM एक राष्ट्रवादी, संविधानसम्मत और समावेशी संगठन है, जिसका उद्देश्य पसमांदा समाज का विकास और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना है।

आगे का मार्ग: मुख्यधारा में भागीदारी
पसमांदा समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा:

1. 📚 शिक्षा: प्रगति की कुंजी
– प्रत्येक बच्चे को प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक समान अवसर मिले।
– लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता दी जाए।
– मुफ़्त कोचिंग, छात्रवृत्ति और डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम शुरू किए जाएँ।
– सरकारी योजनाओं (अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति, मेधावी योजना) की जानकारी हर घर तक पहुँचाई जाए।

2. 🏥 स्वास्थ्य: स्वस्थ समाज की नींव
– आयुष्मान भारत, जननी सुरक्षा योजना जैसी योजनाओं का लाभ समाज तक पहुँचाया जाए।
– नियमित स्वास्थ्य शिविर और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ।
– मोबाइल क्लीनिक और ऑनलाइन परामर्श को और विस्तार दिया जाए।

3. 💼 रोज़गार: आत्मनिर्भर पसमांदा
– मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया, और कौशल विकास के माध्यम से रोज़गार के अवसर बढ़ाए जाएँ।
– पारंपरिक पेशों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जाए।
– पसमांदा ज़कात फंड से छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहन दिया जाए।

4. 🗳 राजनीतिक हिस्सेदारी: अपनी आवाज़ बुलंद करें
– समाज को राजनीति में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाए।
– पंचायत से संसद तक नेतृत्व तैयार किया जाए।
– राजनीतिक दलों में कार्यरत पसमांदा कार्यकर्ताओं को हिस्सेदारी माँगने के लिए जागरूक किया जाए।

5. ⚖ सामाजिक न्याय: बराबरी का हक़
– अनुसूचित जातियों के मुस्लिम वर्ग को संवैधानिक आरक्षण दिलाने के लिए अभियान चलाया जाए।
– सामाजिक भेदभाव के खिलाफ SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जागरूकता फैलाई जाए।
– नीतिगत मांगपत्र तैयार कर सरकारों के समक्ष रखा जाए।

सरकारी योजनाएँ: AIPMM बनेगा सेतु
AIPMM सरकारी योजनाओं का लाभ पसमांदा समाज तक पहुँचाने में सेतु की भूमिका निभाएगा। प्रमुख योजनाएँ:
– शिक्षा: अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति, नई रोशनी योजना
– स्वास्थ्य: आयुष्मान भारत, मातृत्व सहायता योजना
– रोज़गार: मुद्रा योजना, स्टैंडअप इंडिया
– महिला सशक्तिकरण: उज्ज्वला योजना, बाल विकास योजनाएँ
– सामाजिक न्याय: SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम

हर जिले में सहायता केंद्र स्थापित किए जाएँ, जहाँ प्रशिक्षित कार्यकर्ता लोगों की मदद करेंगे।

आंतरिक एकता: संगठन की ताक़त
संगठन की सफलता एकता और अनुशासन पर निर्भर है।
– सोशल मीडिया पर संगठन विरोधी टिप्पणियों से बचें; यह हमारी मेहनत को नुकसान पहुँचाती है।
– नियमित संवाद और मीटिंग्स से मतभेद सुलझाएँ।
– प्रत्येक कार्यकर्ता को AIPMM की सफलता के लिए अपनी ज़िम्मेदारी निभानी होगी।
हमारा मिशन

पसमांदा समाज का उत्थान हम सबका साझा दायित्व है। हमें मिलकर:
– बच्चों को शिक्षित करना है।
– महिलाओं को सशक्त बनाना है।
– नौजवानों को हुनरमंद करना है।
– एकजुट होकर अपनी आवाज़ बुलंद करनी है।

AIPMM को ऐसा मंच बनाना है जो हर पसमांदा की आवाज़ को सरकार और समाज तक पहुँचाए।

अपील
👉 एक-दूसरे का सम्मान करें – एकता हमारी ताक़त है।
👉 मतभेद संवाद से सुलझाएँ – हर समस्या का हल संभव है।
👉 संगठन को मज़बूत करें – अपनी ज़िम्मेदारी निष्ठा से निभाएँ।
👉 समाज के भविष्य के लिए जी-जान लगाएँ – यह हमारा मिशन है।

मुहम्मद युनुस
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ)
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़