राशिद अयाज़, रांची रिपोर्टर
Ranchi: चुनावी मौसम में देश के सभी राजनीतिक दल सामाजिक न्याय की बात कर रहे हैं. सभी जातियों को समाज में उनके संख्या बल के आधार पर प्रतिनिधित्व करने का अवसर देने की बात की जा रही है। लोकसभा क्षेत्रों में महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दलित, पिछड़ों और सवर्णों के आंकड़ों का गणित समझने के बाद राजनीति दलों ने उम्मीदवार को टिकट दिया है, लेकिन झारखंड में राजनीतिक दलों ने मुस्लिम समुदाय के साथ न्याय नहीं किया. एनडीए ने झारखंड के सभी 14 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. वहीं इंडिया गठबंधन ने भी 5 सीटों में प्रत्याशी उतार दिये हैं, लेकिन इन 19 प्रत्याशियों में से एक भी उम्मीदवार मुस्लिम समुदाय से नहीं है.
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान कुछ छिटपुट घटनाओं के बीच शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया है। झारखंड के 11 लोकसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक मतदाता पसमांदा मुस्लिम समुदाय की है. राजमहल में 33 फीसदी और गोड्डा में 18 फीसदी मुस्लिम वोटर्स हैं. आबादी के मामले में खूंटी, लोहरदगा और पलामू लोकसभा क्षेत्र में भी दूसरे नंबर पर मुस्लिम वोटर्स आते हैं. भाजपा ने 14 लोकसभा सीट पर तीन महिला प्रत्याशियों को उतारा है. पांच आदिवासी प्रत्याशियों को टिकट दिये गये हैं. अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सवर्ण प्रत्याशियों को भी टिकट मिले हैं, लेकिन पसमांदा मुस्लिम समुदाय के नेताओं को दरकिनार कर दिया गया. वहीं इंडिया गठबंधन ने भी अबतक जिन 5 उम्मीदवारों की घोषणा की है, उनमें भी तीन आदिवासी और दो पिछड़ी जाति के हैं.
किस लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय की कितनी आबादी
लोकसभा आबादी प्रतिशत
चतरा 198400 13.5%
धनबाद 337017 15.9%
दुमका 249084 17.4%
गिरिडीह 286800 17%
गोड्डा 371320 21.1%
हजारीबाग 307131 18%
जमशेदपुर 203150 11.7%
खूंटी 88569 7.2%
कोडरमा 381195 20.4%
लोहरदगा 182150 14.4%
पलामू 285222 14.7%
राजमहल 493860 33.3%
रांची 303109 15.1%
सिंहभूम 85405 6.6%