अब्दुल कय्यूम अंसारी भारत की आजादी और अखंडता के प्रहरी

नई दिल्ली। आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज हनीफ ने बिहार की राजधानी पटना में 18 फरवरी को आयोजित होने वाली बाबा-ए-कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी की पुण्यथित पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक और पसमांदा समाज के प्रेरणा स्रोत हैं। अब्दुल कय्यूम अंसारी का देश की आजादी और अखंडता में अमूल्य योगदान है। उन्होंने मुस्लिम लीग की अलगाववादी राजनीति और विभाजनकारी एजेंडे का डटकर विरोध किया। उनकी साहसिक और दूरदर्शी सोच ने यह सुनिश्चित किया कि भारत का एक बड़ा वर्ग राष्ट्र की एकता और अखंडता के साथ बना रहे। उन्होंने कहा दिल्ली के लाल किले पर अब्दुल कय्यूम अंसारी के नेतृत्व में मुस्लिम लीग के खिलाफ हुए ऐतिहासिक प्रदर्शन ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि पसमांदा मुस्लिम समाज हमेशा देश की एकता और अखंडता के पक्ष में खड़ा रहा है। यह आंदोलन इस बात का प्रमाण था कि पसमांदा समाज ने न केवल स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, बल्कि उस विचारधारा का भी विरोध किया जो धर्म के आधार पर देश को विभाजित करना चाहती थी।
इसी क्रम में संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद यूनुस ने कहा अगर जुलाहों ने साथ दिया होता तो पाकिस्तान दिल्ली तक होता जैसी कहावतें इस बात का प्रतीक हैं कि पसमांदा समाज की समझ और देशभक्ति ने भारत को विभाजन की और गहरी चोट से बचाया। हालांकि, इतिहास गवाह है कि अशराफ तबके ने पसमांदा समाज के योगदान को अक्सर नजरअंदाज किया और उसे दबाने की कोशिश की, लेकिन पसमांदा समाज ने न केवल इसका सामना किया, बल्कि स्वतंत्र भारत के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा अब्दुल कय्यूम अंसारी ने न केवल पसमांदा समाज के अधिकारों की रक्षा की, बल्कि पूरे देश की एकता के लिए काम किया। उनकी यह विचारधारा कि सच्चा नेतृत्व वही है जो समाज की भलाई के लिए अपने व्यक्तिगत और वर्गीय हितों को त्याग दे, आज भी समाज को प्रेरणा देती है।
श्री यूनुस ने कहा अब्दुल कय्यूम अंसारी का जीवन इस बात का साक्षी है कि पसमांदा मुस्लिम समाज ने हमेशा भारतीय एकता को प्राथमिकता दी। उनकी देशभक्ति और साहस ने न केवल पसमांदा समाज, बल्कि पूरे राष्ट्र को गौरवान्वित किया।