ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ को मजबूत बनाने पर दिया गया ज़ोर

नई दिल्ली। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ की एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक आज दिनांक 12 अक्टूबर 2025 को Zoom प्लेटफॉर्म के माध्यम से सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य संगठनात्मक ढांचे को सुदृढ़ बनाना, आपसी समन्वय बढ़ाना और आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करना रहा।

बैठक के दौरान संगठन के विभिन्न राज्य और राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने अपने-अपने विचार रखते हुए संगठन की कार्यप्रणाली, संवाद प्रणाली और सदस्य विस्तार अभियान पर विस्तृत चर्चा की। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि संगठन को मजबूत, सक्रिय और जनसरोकार से जुड़ा हुआ बनाने के लिए सभी सदस्य एकजुट होकर कार्य करेंगे।

पदाधिकारियों ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि संगठन के भीतर उत्पन्न आपसी मतभेदों को समाप्त कर, एकता और सहयोग की भावना से कार्य करना ही संगठन को आगे बढ़ाने का सबसे प्रभावी मार्ग है। संगठन की ताकत उसकी एकजुटता और कार्यकर्ताओं के सामूहिक प्रयास में निहित है — इस विचार को सभी सदस्यों ने एक स्वर में स्वीकार किया।

बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय यह भी लिया गया कि 15 अक्टूबर 2025 को डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की यौम-ए-पैदाइश (जन्म दिवस) के अवसर पर संगठन के कार्यालय में एक संगोष्ठी (Seminar) आयोजित की जाएगी।
इस संगोष्ठी में डॉ. कलाम के जीवन, उनके वैज्ञानिक योगदान, राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका और युवाओं को दी गई प्रेरणाओं पर चर्चा की जाएगी। संगोष्ठी के अंत में डॉ. कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया जाएगा।
बैठक सौहार्दपूर्ण और उत्साहपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुई। सभी पदाधिकारियों ने संगठन के उद्देश्यों, नीतियों और सिद्धांतों के प्रति अपनी निष्ठा एवं प्रतिबद्धता दोहराई और भविष्य में अधिक सशक्त संगठनात्मक ढांचा खड़ा करने का संकल्प व्यक्त किया।
बैठक में मोहम्मद यूनुस — मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सोहैलुद्दीन अंसारी — राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, डॉ. नसीम अनवर — कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, बिहार, तौकीर अहमद — प्रदेश प्रधान महासचिव, शमीम अख्तर — प्रदेश महासचिव, शमशाद अंसारी — प्रदेश महासचिव, परवेज आलम — प्रदेश उपाध्यक्ष, सकलैन आलम उपस्थित प्रमुख पदाधिकारी रहें।

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ की यह ऑनलाइन बैठक न केवल संगठन की दिशा तय करने में मील का पत्थर साबित हुई, बल्कि आपसी एकता और समर्पण की भावना के माध्यम से एक नए उत्साह और ऊर्जा का संचार भी हुआ। संगठन के सभी सदस्य इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं कि पसमांदा समाज की सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक प्रगति के लिए वे निरंतर कार्य करते रहेंगे।