नई दिल्ली। भारत के सामाजिक और राजनीतिक इतिहास में वर्ष 2025 एक महत्वपूर्ण पड़ाव लेकर आया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने 100 वर्षों का सफर पूरा कर लिया है। यह केवल एक संगठन की शताब्दी नहीं है, बल्कि उस अदम्य धैर्य, अनुशासन और अटूट निष्ठा का प्रतीक है जिसने संघ को आज विश्व के सबसे बड़े संगठनों में से एक बना दिया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, जो स्वयं संघ के स्वयंसेवक रहे हैं, ने इस अवसर पर संघ की उपलब्धियों और उसकी विचारधारा की सराहना की। उन्होंने यह स्वीकार किया कि संघ ने कठिनाइयों और विरोधों के बावजूद अपनी मूल विचारधारा को नहीं छोड़ा और लगातार समाज में अपनी भूमिका निभाते हुए सत्ता तक पहुँचा। यह इस बात का प्रमाण है कि जब कोई संगठन अपने मिशन और विज़न पर दृढ़ता से टिककर चलता है, तो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सफलता प्राप्त कर सकता है।
पसमांदा समाज के लिए सीख और प्रेरणा – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की यह यात्रा पसमांदा मुस्लिम समाज के लिए एक प्रेरक उदाहरण है। आज हमारा समाज भी अपने अस्तित्व, अधिकार और पहचान की लड़ाई लड़ रहा है। इस संघर्ष में सबसे महत्वपूर्ण है—विचारधारा पर अडिग रहना और संगठन को निरंतर मजबूत करना।
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ इसी सिद्धांत को लेकर काम कर रहा है। हम जानते हैं कि हमारी राह कठिन है, संसाधन सीमित हैं और चुनौतियाँ बहुत बड़ी हैं। लेकिन हमें विश्वास है कि अगर संघ सौ वर्षों तक अपनी विचारधारा पर टिककर काम कर सकता है और समाज में अपनी जगह बना सकता है, तो पसमांदा समाज भी निश्चित रूप से अपने लक्ष्य तक पहुँच सकता है।
हमारा विज़न और मिशन- ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ का मिशन केवल नारों तक सीमित नहीं है। हमारा उद्देश्य है—पसमांदा मुस्लिम समाज को शिक्षित, सशक्त और जागरूक बनाकर एक मजबूत और सम्मानित जमात का निर्माण करना।
हमारे मिशन के प्रमुख स्तंभ इस प्रकार हैं:
1. जागरूकता और चेतना – पसमांदा समाज में राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षणिक जागरूकता बढ़ाना।
2. मुख्यधारा में एकीकरण – समाज को राष्ट्रीय धारा से जोड़ना ताकि कोई भी पसमांदा परिवार पिछड़ापन महसूस न करे।
3. शिक्षा का प्रसार – आधुनिक और धार्मिक दोनों प्रकार की शिक्षा को सुलभ और समान बनाना।
4. स्वास्थ्य सेवाएं – गरीब और वंचित वर्ग तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुँचाना।
5. राजनीतिक हिस्सेदारी – लोकतंत्र में न्यायसंगत प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना।
6. आर्थिक सशक्तिकरण – रोजगार, स्वरोज़गार और उद्यमिता को बढ़ावा देना।
7. सामाजिक न्याय – जातिगत भेदभाव को समाप्त करना और समानता व भाईचारे पर आधारित समाज बनाना।
8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण – अंधविश्वास और तंगदिली से दूर रहकर वैज्ञानिक सोच और आधुनिकता को अपनाना।
मजबूत समाज की नींव- जब तक शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में पसमांदा समाज पिछड़ा रहेगा, तब तक हम मुख्यधारा का हिस्सा नहीं बन सकते। इसलिए महाज़ का विज़न है कि इन सभी क्षेत्रों को समान रूप से सुदृढ़ करके एक ऐसा पसमांदा समाज बनाया जाए जो आत्मनिर्भर हो, अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो और राष्ट्रीय निर्माण में सक्रिय योगदान दे सके।
आरएसएस को शताब्दी पर बधाई और सकारात्मक भविष्य की कामना – ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को उसकी 100वीं वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई देता है। श्री मोहन भागवत जी के नेतृत्व में संघ ने समाज को संगठित करने और राष्ट्रहित में कार्य करने की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। हमारी यह अपेक्षा भी है कि संघ और देश के सभी बड़े संगठन अपने कार्यों में समावेशिता (inclusiveness) और सद्भाव को प्राथमिकता देंगे, ताकि भारत एक ऐसा राष्ट्र बने जहाँ धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उठकर हर नागरिक को समान अधिकार और अवसर प्राप्त हों।
आगे बढ़ने का संकल्प – जिस प्रकार संघ ने अपनी विचारधारा पर अडिग रहकर संगठन और सत्ता में अपनी जगह बनाई, उसी प्रकार पसमांदा मुस्लिम समाज भी अपने मिशन पर डटे रहकर अपनी पहचान और अधिकार प्राप्त करेगा। अब समय है कि हम सब मिलकर एकजुट हों, अपनी क्षमताओं को पहचाने और शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति, रोजगार तथा सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में मजबूती के साथ आगे बढ़ें।
👉 आइए, हम सब मिलकर एक समावेशी, सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण में अपना योगदान दें। यही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी और संकल्प है।
संयुक्त वक्तव्य: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री परवेज़ हनीफ और सीईओ श्री मुहम्मद युनुस
“राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शताब्दी पूर्ति पर हम दोनों—राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज़ हनीफ और सीईओ मुहम्मद युनुस—की ओर से हार्दिक बधाई। संघ की दृढ़ता और संगठनात्मक क्षमता पसमांदा मुस्लिम समाज के लिए एक आदर्श है। हम अपने समाज को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और अपेक्षा करते हैं कि सभी संगठन समावेशी दृष्टिकोण अपनाकर भारत को एकजुट राष्ट्र बनाएं। आइए, हम सब मिलकर सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में कदम बढ़ाएं।”
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के बारे में: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ एक गैर-राजनीतिक संगठन है जो पसमांदा मुस्लिम समाज के उत्थान, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय के लिए कार्यरत है। हमारा उद्देश्य समाज को मुख्यधारा से जोड़ना और एक समावेशी भारत का निर्माण करना है।