ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज की विचारधार “लकुम दीनाकुम…..” और मीसक ए मदीना पर आधारित है और BAPS मंदिर का रमज़ान के मुबारक महीने में ओमिस्यत नामक अंतरधार्मिक साकृत्तिक एवम् सर्वधर्म समभाव का आयोजन इसी विचारधार की बेहतरीन मिसाल है।
ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में बीएपीएस (BAPS) हिंदू मंदिर द्वारा रमजान महीने के दौरान ‘ओम्सिय्यत’ नामक एक अंतरधार्मिक सांस्कृतिक शाम की मेजबानी का स्वIगत करता है।
BPPS ओम्सिय्यत नामक इस कार्यक्रम में न सिर्फ मुस्लमान बल्कि अलग-अलग धर्मों के 200 से अधिक लोग शामिल हुए। रमजान महीने के दौरान विभिन्न धर्मों और पृष्ठभूमियों के 200 से अधिक नेताओं और समुदाय के सदस्यों को एक ही छत के नीचे देखा गया. नए उद्घाटन किए गए हिंदू मंदिर की आकर्षक पृष्ठभूमि पर आधारित यह कार्यक्रम आस्था, संस्कृति और संवाद का संगम था। ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने कहा है कि यह कार्यक्रम समझ और सम्मान की दिशा में हमारी साझा यात्रा का प्रतीक है’. BAPS मंदिर एक आशा लेकर आया अलगाववाद, अविश्वास, असहिष्णुता और संघर्षों से खतरे में पड़े इस परेशान समय में, बीएपीएस हिंदू मंदिर दुनिया के लिए आशा लेकर आया है. सभी मानव जाति की भलाई के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रेखाओं में एक साथ काम करने का हिंदू मंदिर का मजबूत संकल्प वास्तव में सराहनीय है. आप विश्वासों के प्रति सम्मान और एक-दूसरे के नेकदिल इरादों के प्रति प्रशंसा साझा करते हैं’। तथा शांति, भाईचारा और समर्पण के लिए आभार व्यक्त करता है। ‘शांति, सद्भाव, भाईचारा और सह-अस्तित्व के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए इस प्रतिबद्धता और समर्पण के लिए BAPS मंदिर के संचालकों को धन्यवाद. सभी मानव जाति की भलाई के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में एक साथ काम करने का ये दृढ़ संकल्प वास्तव में महान है’.
अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर बीएपीएस (BAPS) का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 फरवरी को उद्घाटन किया था. अपनी वास्तुकला और भव्यता देखने योग्य है. अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर हिन्दू मुस्लिम के बीच स्थायी दोस्ती के प्रमाण के रूप में खड़ा है, जो सांस्कृतिक समावेशिता, अंतरधार्मिक सद्भाव और सामुदायिक सहयोग की भावना का प्रतीक है।
बीपीएएस हिन्दू मन्दिर आपसी सौहार्द और भाईचारा के लिए आशा की किरण: ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज
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A Beacon of Hope: Haroon Rayeen's Tireless Crusade for Social Justice
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