AIPMM की ऐतिहासिक ऑनलाइन बैठक
पसमांदा समाज के लिए नई रणनीति तय
संगठन विस्तार को लेकर बड़ा मंथन
लखनऊ, 13 दिसंबर 2025: पसमांदा मुस्लिम समाज के उत्थान और सामाजिक न्याय की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ (AIPMM) ने 12 दिसंबर 2025 की रात्रि को एक ऐतिहासिक ऑनलाइन ज़ूम बैठक का आयोजन किया, जिसमें देशभर से संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी, प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी, संयोजक और सक्रिय कार्यकर्ता शामिल हुए। राष्ट्रीय अध्यक्ष जनाब परवेज़ हनीफ़ की कुशल अध्यक्षता और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जनाब मुहम्मद युनुस के संयोजन में संपन्न हुई इस बैठक ने संगठन को वैचारिक और संरचनात्मक रूप से मजबूत बनाने के कई दूरगामी निर्णय लिए। ये निर्णय न केवल पसमांदा समाज की सदियों पुरानी उपेक्षा को चुनौती देंगे, बल्कि सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक और राजनीतिक स्तर पर एक नई क्रांति की नींव रखेंगे।
पसमांदा मुस्लिम समाज, जो मुस्लिम आबादी का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा है, लंबे समय से उच्च वर्गीय (अशराफ) नेतृत्व की उपेक्षा का शिकार रहा है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य संगठन की जड़ों को मजबूत करना, धार्मिक नेतृत्व को केंद्र में लाना और समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना था। विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने गहन विचार-विमर्श किया और सर्वसम्मति से कई प्रस्ताव पारित किए, जो संगठन के विस्तार और पसमांदा आंदोलन को नई गति प्रदान करेंगे।
प्रमुख निर्णय और उनकी विस्तृत व्याख्या
1. ऑल इंडिया पसमांदा उलमा बोर्ड का व्यापक गठन- बैठक का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर पसमांदा उलमा बोर्ड का गठन था। इस बोर्ड में देशभर के प्रतिष्ठित पसमांदा उलमा, इस्लामी विद्वान और समाजसेवी शामिल होंगे। राष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त कोऑर्डिनेशन कमेटी बनेगी, जो धार्मिक जागरूकता फैलाने, वैचारिक स्पष्टता लाने और समाज में एकजुटता का मंच तैयार करने का काम करेगी।
साथ ही, संगठन के हर स्तर – मंडल, जिला, तहसील, ब्लॉक, ग्राम पंचायत और शहर-कस्बा – पर ‘पसमांदा उलमा अध्यक्ष’ की नियुक्ति अनिवार्य की गई। यह कदम धार्मिक नेतृत्व को सामाजिक परिवर्तन का इंजन बनाएगा और संगठन की जड़ें समाज के सबसे निचले पायदान तक पहुंचाएगा। यह निर्णय पसमांदा समाज में धार्मिक और सामाजिक न्याय की लड़ाई को मजबूत आधार प्रदान करेगा।
2. संवाद और रिपोर्टिंग की मजबूत प्रणाली- संगठन की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई। हर प्रदेश में मासिक कम से कम दो ज़ूम बैठकें और एक भौतिक बैठक अनिवार्य होगी। सभी प्रदेश कार्यालयों को साप्ताहिक रूप से सोशल मीडिया गतिविधियों, संगठन विस्तार और अन्य कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट राष्ट्रीय कार्यालय भेजनी होगी। यह कदम संगठन को केंद्रीकृत ढांचे में ढालकर कार्यक्षमता बढ़ाएगा और सभी स्तरों पर समन्वय सुनिश्चित करेगा।
3. ‘हर रोज़ एक पसमांदा हस्ती’ अभियान की शुरुआत- राष्ट्रीय अध्यक्ष जनाब परवेज़ हनीफ़ ने एक भावपूर्ण अपील की, जो संगठन की सबसे बड़ी ताकत बनेगी। सभी पदाधिकारियों, सदस्यों और कार्यकर्ताओं से आह्वान किया गया कि वे प्रतिदिन कम से कम एक पसमांदा उलमा, मौलवी, इमाम, मौलाना, कारी, हाफिज़ या समाज के शिक्षक, डॉक्टर, व्यापारी, बुद्धिजीवी आदि गणमान्य व्यक्ति से संपर्क करें। इनसे संगठन की विचारधारा से परिचित कराकर आंदोलन से जोड़ना होगा। यह अभियान नेटवर्किंग की नई लहर लाएगा और पसमांदा समाज की एकजुटता को अभूतपूर्व स्तर पर ले जाएगा।
4. चुनावी मोर्चे पर सक्रियता- राजनीतिक सशक्तीकरण पर जोर देते हुए उत्तर प्रदेश और झारखंड के आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में पसमांदा उम्मीदवारों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। योग्य और सक्षम पसमांदा व्यक्तियों को चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा और संगठन उन्हें हरसंभव सहयोग प्रदान करेगा। यह कदम स्थानीय निकायों में पसमांदा समाज को न्यायपूर्ण प्रतिनिधित्व दिलाने और लंबे समय से चली आ रही असमानता को दूर करने का माध्यम बनेगा।
5. महान नेता अब्दुल कय्यूम अंसारी को श्रद्धांजलि- पसमांदा आंदोलन के प्रथम चरण के महानायक जनाब अब्दुल कय्यूम अंसारी की पुण्यतिथि पर पटना में भव्य कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। बिहार इकाई द्वारा संचालित यह कार्यक्रम एक कोऑर्डिनेशन कमेटी के नेतृत्व में होगा। फंड, कार्यक्रम और अन्य व्यवस्थाओं पर चर्चा के लिए 21 दिसंबर 2025 को पटना कार्यालय में विशेष बैठक बुलाई गई है। यह आयोजन न केवल अंसारी साहब को श्रद्धांजलि अर्पित करेगा, बल्कि पसमांदा आंदोलन की विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का अवसर भी प्रदान करेगा।
6. ‘सदा ए पसमांदा’ मैगज़ीन का प्रकाशन- संगठन की वैचारिक मजबूती के लिए जनवरी 2026 से ‘सदा ए पसमांदा’ नामक मैगज़ीन डिजिटल फॉर्म में प्रकाशित करने पर विचार किया गया और बाद में इसे बुक फॉर्म में निकालने पर सहमति बनी। यह मैगज़ीन पसमांदा समाज की आवाज़ को देशव्यापी स्तर पर पहुंचाएगी और विचारधारा को मजबूत बनाएगी।
प्रमुख प्रतिभागी और प्रेरणादायक संदेश- बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज़ हनीफ़, सीईओ मुहम्मद युनुस, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सोहैलुद्दीन ज़फ़र, राष्ट्रीय महासचिव शाहीन अंसारी (राष्ट्रीय प्रवक्ता), राष्ट्रीय सलाहकार अख्तर हुसैन, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट अबू सईद अंसारी, बिहार प्रदेश अध्यक्ष तौक़ीर अहमद, बिहार प्रधान महासचिव मो. परवेज़ आलम, यूपी प्रदेश अध्यक्ष हाजी ताहिर सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे।
समापन पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जनाब परवेज़ हनीफ़ ने कहा, “पसमांदा समाज सदियों से उपेक्षा और वंचना का शिकार रहा है। अब समय आ गया है कि हम संगठित होकर अपने हक़, अधिकार और सम्मान की लड़ाई पूरी ताक़त से लड़ें। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ केवल एक संगठन नहीं, बल्कि पसमांदा समाज की आन-बान-शान है। इंशाअल्लाह बहुत जल्द हम देश के कोने-कोने में अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज कराएंगे।”
यह बैठक अत्यंत उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई। सभी प्रतिभागियों ने पारित प्रस्तावों को एक माह में धरातल पर उतारने का संकल्प लिया। पसमांदा मुस्लिम महाज़ का यह प्रयास समाज में नई ऊर्जा का संचार कर रहा है और आने वाले दिनों में इसके परिणाम पूरे देश में दिखाई देंगे। यह बैठक पसमांदा आंदोलन के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगी।

