अखिलेश यादव द्वारा माता प्रसाद पांडे जी नेता प्रतिपक्ष बनाने का मतलब

आज अखिलेश यादव जी ने माता प्रसाद पांडे जी c दिया है। यह कितना बड़ा पद है ये आप ऐसे समझो कि इनसे पहले ख़ुद अखिलेश जी इस पद पर थे।

CSDS ने चुनाव के बाद सर्वे किया था जिसमें आया कि UP में 79% सवर्णों ने NDA को वोट किया है जबकि 2019 में 77.2% सवर्णों ने NDA को वोट दिया था।

लोकसभा चुनाव के बाद कई एडिटोरियल में लिखा गया है कि
न तो दलित वोट बैंक हैं
न तो कुर्मी वोट बैंक हैं
न तो शाक्य वोट बैंक हैं
उत्तर प्रदेश में वोट बैंक सवर्ण वोटर हैं जो कि हमेशा ही BJP के लिए लॉयल रहते हैं, ऐसे में अखिलेश यादव जी ने माता प्रसाद पांडेय की को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया है।
अब मुस्लिम समुदाय को सोचने समझने और विचार करने

 

की जरूरत है कि कितने प्रतिशत ब्राहमणो ने सपा को वोट किया और कितने प्रतिशत मुस्लिमो ने सपा को वोट किया कि एक टाफी पाकर हम इतना खुश हो जाते है कि अखिलेश यादव की जय जयकार करने लगते है ।99 प्रतिशत वोटबैंक मुस्लिम समाज का पाने के बाद निष्क्रिय पद पाकर समाज ऐसे हो हल्ला करता है जैसे उसे बहुत बड़ी राजनीतिक कुर्सी मिल गयी हो । अगर हम सच बात करे तो कुछ खुदगर्ज दलाल और तलवे चाटने वालो को छोड़कर समाज को क्या मिला है ।

मुसलमानो सोचो और सोचकर फिर सोचो कि आखिर हमारे समाज की ऐसी स्थित क्यो है और आज हम कहा खड़े है और इसकी वजह क्या है।
मुस्लिम समाज के ऊपर सपा का ठप्पा लगा होना ।
याफिर भाजपा को वोट न देना ।
भाजपा की सरकार होना और उसका डर ।
मुस्लिमो की अपनी कोई पार्टी न होना या लीडरशिप न होना ।
रजनीति मे मुस्लिमो का धार्मिक हस्तक्षेप नहोना व पढे लिखे काबिल मुस्लिम समाज का अपने ही लोगो से दूरी बनाना राजनीती को गंदा समझना।
गुलामी की मानसिकता होना या संघर्ष न करने की आदत होना।
और यदि कोई संघर्ष करने वाला ब्यक्ति बाहर निकल कर सामने आता है तो मूर्ख समाज का साथ न देना।
या ये सभी कारण है ।
कृपया बुद्ध जीवी ब्यक्ति अपनी राय दे।