मेरठ शहर क़ाज़ी विवाद: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने की निंदा

नई दिल्ली। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ मेरठ शहर में हुई निंदनीय घटना की कड़ी भर्त्सना करता है, जिसमें प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन क़ारी शफीकुर्रहमान के साथ जुमे की नमाज के दौरान अभद्रता की गई, गाली-गलौज की गई और उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया गया। यह घटना केवल एक व्यक्ति पर किया गया हमला नहीं है, बल्कि यह पसमांदा समाज के प्रति गहरे भेदभाव और असमानता को दर्शाता है। संगठन को यह जानकर गहरी पीड़ा हुई कि पूर्व शहर क़ाज़ी के इंतिक़ाल के बाद उनके बेटे को नया क़ाज़ी नियुक्त कर दिया गया, जबकि वह न तो क़ारी हैं, न हाफ़िज़ और न ही इस्लामी ज्ञान व अनुभव रखते हैं। दूसरी ओर, क़ारी शफीकुर्रहमान, जो पसमांदा (सैफी) बिरादरी से हैं, एक योग्य और विद्वान व्यक्ति हैं। उनकी विद्वता और सेवा को नजरअंदाज कर केवल जाति और वंशवाद के आधार पर नियुक्ति करना न्यायसंगत नहीं है। यह घटना साफ दर्शाती है कि मुस्लिम समाज में आज भी जातिगत भेदभाव व्याप्त है, जहां पसमांदा समाज के योग्य विद्वानों को दरकिनार कर दिया जाता है और एक विशेष वर्ग के लोगों को प्राथमिकता दी जाती है।

संगठन की मांगें: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से मांग करता है कि:

1. क़ारी शफीकुर्रहमान के साथ अभद्रता करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

2. शहर क़ाज़ी की नियुक्ति योग्यता और इस्लामी ज्ञान के आधार पर हो, न कि जाति या परिवारवाद के आधार पर।

3. पसमांदा समाज के धार्मिक विद्वानों को भी बराबरी का अवसर मिले और उनके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो।

4. मुस्लिम समाज में जातिगत भेदभाव समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

संगठन की अगली कार्रवाई: इस गंभीर मामले की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के उद्देश्य से ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ का एक प्रतिनिधिमंडल मेरठ जाएगा। इस प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता संगठन के राष्ट्रीय संयोजक (नॉर्थ इंडिया) श्री शमीम अंसारी करेंगे। वे स्थानीय लोगों, समुदाय के प्रबुद्ध व्यक्तियों और पीड़ित पक्ष से मिलकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेंगे। इस दौरे की रिपोर्ट के आधार पर संगठन आगे की कार्रवाई तय करेगा और आवश्यकतानुसार प्रशासन व न्यायालय से भी हस्तक्षेप की मांग करेगा।

निष्कर्ष: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ स्पष्ट करता है कि वह न्याय के लिए हरसंभव प्रयास करेगा और इस्लाम के मूल सिद्धांत—बराबरी और इंसाफ़—को समाज में लागू करने के लिए संघर्ष करता रहेगा। किसी भी प्रकार के अन्याय को स्वीकार नहीं किया जाएगा, और पसमांदा समाज को उसके हक से वंचित करने की हर साजिश के खिलाफ संगठन मजबूती से खड़ा रहेगा।