कर्नाटक में ओबीसी मुस्लिम आरक्षण पूरी तरह संवैधानिक

नई दिल्ली। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ कर्नाटक सरकार द्वारा ओबीसी मुस्लिम (पसमांदा मुस्लिम) के लिए प्रस्तावित आरक्षण का समर्थन करता है और इसे पूरी तरह संविधान सम्मत एवं न्यायसंगत मानता है।

बीजेपी का विरोध अनुचित और भ्रामक: हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि कर्नाटक का मुस्लिम आरक्षण संपूर्ण मुस्लिम समुदाय के लिए नहीं, बल्कि केवल ओबीसी श्रेणी की पिछड़ी मुस्लिम जातियों (पसमांदा मुसलमानों) के लिए है। यह आरक्षण संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत पूरी तरह वैध है, जो सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान और उनके उत्थान के लिए विशेष प्रावधानों की अनुमति देता है।

आरक्षण का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

1. पहले (2023 से पहले): कर्नाटक में ओबीसी मुस्लिम जातियों को कैटेगरी 2B के तहत 4% आरक्षण दिया जाता था। यह आरक्षण सिर्फ पसमांदा मुस्लिम (जैसे धुनिया, मोमिन, रंगरेज, कुरैशी, मनिहार, सलमानी, कसाई आदि) के लिए था, न कि समस्त मुस्लिम समाज के लिए। अशराफ मुसलमान (सैयद, शेख, पठान, मुग़ल आदि) इस श्रेणी में शामिल नहीं थे।

2. मार्च 2023 (भाजपा सरकार के दौरान): भाजपा सरकार ने 4% ओबीसी मुस्लिम आरक्षण खत्म कर दिया और ओबीसी मुस्लिम समुदाय को सामान्य वर्ग के 10% EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटे में डाल दिया। इससे ओबीसी मुसलमानों को अब सामान्य वर्ग के गरीबों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ी, जिससे उन्हें गंभीर नुकसान हुआ।

3. मई 2023 (कांग्रेस सरकार के दौरान): मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सरकार ने संकेत दिया कि वे ओबीसी मुस्लिम समुदाय के लिए पूर्ववत आरक्षण बहाल करने पर विचार करेंगे। हालांकि, अब तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

बीजेपी का विरोध क्यों अनुचित है? बीजेपी इस मुद्दे पर गलत और भ्रामक दावे कर रही है कि यह आरक्षण “धार्मिक आधार पर दिया गया है”, जबकि वास्तविकता यह है कि यह केवल ओबीसी मुस्लिम (पसमांदा मुस्लिम) के लिए था, जो सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े हैं। अनुच्छेद 340 के तहत ओबीसी के लिए आरक्षण पूरी तरह संवैधानिक है, और इसे किसी धार्मिक भेदभाव के रूप में देखना अनुचित है।

यह आरक्षण मुस्लिम समाज के उन पिछड़े वर्गों को दिया जाता था जो ऐतिहासिक रूप से वंचित और हाशिए पर रहे हैं।

हमारी माँगें 1. कर्नाटक सरकार ओबीसी मुस्लिम (पसमांदा मुस्लिम) के लिए 4% आरक्षण को पुनः लागू करे। 2. बीजेपी अनावश्यक और भ्रामक विरोध बंद करे और संविधान सम्मत आरक्षण नीति को स्वीकार करे। 3. सभी राजनीतिक दल पसमांदा मुस्लिमों के सामाजिक और शैक्षिक विकास के लिए ठोस नीति बनाएं और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए कार्य करें। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ पसमांदा समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्षरत है और सरकार से मांग करता है कि वह ओबीसी मुस्लिम आरक्षण को जल्द से जल्द बहाल करे।