‘बिहार का सियासी मंज़रनामा और पसमांदा मुसलमान‘ कार्यक्रम का अयोजन

पसमांदा मुस्लिम समाज के सर्वांगीण (सांस्कृतिक, राजनीतिक एवं आर्थिक) विकास हेतु लंबे समय से प्रयासरत सामाजिक संगठन ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज, बिहार द्वारा 21 जुलाई, 2024 को पटना स्थित पूर्णिमा हेरिटेज, पालीगंज, पटना में हुआ।

आज केबैठक मे मुख्य अथिति बिहार राज्य मदरसा बोर्ड के सचिव जनाब अब्दुस सलाम अंसारी ने दोनों महापरुष के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा के इन लोगो ने समाज और देश के लिए जो बलिदान दिया है उसे भुलाया नहीं जा सकता है, उन्होंने आगे कहा के पासमांदा समाज आज राजनीतक स्तर पर बहुत पिछड़ा है जरुरत है इसे मुख्य धारा पर लाने की और आल इंडिया पासमांदा मुस्लिम महाज़ ने पालीगंज से जो आगाज किया है वो काबिले तारीफ है मैं महाज़ के प्रदेश अध्यक्ष नजीर अहमद अंसारी साहब और महाज़ के सारे पदाधिकारी को मुबारकबाद देता हूँ!
बैठक मे उपस्थित विशिष्ट अथिति जनता दल यू की प्रदेश प्रवक्ता मोहतरमा अंजुम आरा ने अपने सम्बोधन मे कहा के मैं महाज़ के तमाम लोगो को बधाई देती हूँ के उन्होंने आज पासमांदा समाज के लिए जो बिगुल फूंका है बहुत सराहनीय है, उन्होंने आगे कहा के मैं खुद पासमांदा समाज से आती हूँ और मैं पूरी तरह से महाज़ के कामों मे मदद करुँगी और महाज़ ने जो मांगे रखी है उसे सरकार तक पहुंचने का काम करुँगी
इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रीय प्रभारी सुहेलद्दीन अंसारी ने कहा कि मुस्लिम समाज की एकांगी समझ को चुनौती देना और दर्शाना कि भारतीय मुस्लिम समाज जाति-विभाजित समाज है जहां पर 15 प्रतिशत अशराफ (सवर्ण) मुसलमानों का 85 प्रतिशत पसमांदा (दलित, पिछड़े एवं आदिवासी) मुसलमानों पर आधिपत्य जमाये हुए है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आल इंडिया पासमांदा मुस्लिम महाज़ के प्रदेश अध्यक्ष सह जद यू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष जनाब नज़ीर अहमद अंसारी ने कहा कि वर्चस्वशाली अशराफ (सवर्ण) मुसलमान द्वारा संचालित सांकृतिक, धार्मिक और राजनीतिक प्रणाली जो कि समस्त मुसलमानों के नाम पर केवल अशराफ मुसलमानों का हित साधती है का वैज्ञानिक पर्दाफाश कर उसे ध्वस्त करना है। उन्होंने कहा पसमांदा मुसलमानों की स्वायत्त सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक प्रणाली एवं संस्थान विकसित करके उन्हेंलोकतांत्रिक-संवैधानिक मूल्यों

और प्रक्रिया के ढांचे के तहत पसमांदा मुसलमानों को जीवन के हर क्षेत्र-शासन-प्रशासन, राजनीति, शिक्षा, अर्थ, स्वास्थ्य, इत्यादि- में उचित भागीदारी दिलाना है।
महाज़ के प्रदेश अध्यक्ष जनाब नज़ीर अहमद अंसारी ने आगे कहा के संविधान आदेश 1950 के पैरा 3 के तहत मुस्लिम और ईसाई अनुसूचित जाति के खिलाफ असंवैधानिक भेदभाव को समाप्त करने की मांग की। उन्होंने कहा 27 प्रतिशत आबीसी आरक्षण का उपविभाजन सबसे पिछड़े वर्गांे को लगभग 18-20 प्रतिशत आरक्षण देता है। ताकि ईबीसी को उनकी आबादी के अनुपात मंे उचित हिस्सा मिल सके। इस पर भी अमल करना है।वक्फ संपत्तियों का उपयोग शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में किया जाना चाहिए, जिस पर सरकारी अनुदान की व्यवस्था भी हो। इसे करने के लिये हम प्रयासरत हैं।
राष्ट्रीय प्रधान महासचिव नसीम अनवर ने कहा महाज बुनियादी तौर पर एक समाजिक संगठन है और किसी भी विशेष राजनीतिक दल के लिए कार्यरत नहीं है। संगठन सभी राजनीतिक दलों के साथ संवाद स्थापित करता है और उन्हें पसमांदा समाज के मुद्दों से अवगत कराता है। संगठन पसमांदा मुसलमानों को शासन एवं प्रशासन में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कराने एवं कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने हेतु केन्द्रीय और विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिल कर काम कर रहा है।
संगठन के प्रदेश प्रवक्ता शब्बीर आलम ने कहा पसमांदा मुस्लिम समाज में पिछड़ी, दलित एवं आदिवासी वर्गों की करीब 705 जातियां राष्ट्रीय स्तर पर पाई जाती है जिनकी अधिकांश आबादी मेहनतकश (छोटा-मँझोला किसान, श्रमिक, कारीगर, शिल्पकार, दस्तकार, इत्यादि) है। पसमांदा समाज विकास के क्रम में बहुत पीछे हैं लेकिन इनके अंदर भी क्रमिक असमानता पाई जाती है। कुछ पसमांदा जातियों ने ऐतिहासिक कारणों से दूसरी पसमांदा जातियों के मुकाबले लोकतांत्रिक प्रणाली का बेहतर इस्तेमाल किया है। कुलमिलाकर पसमांदा महिलाओं की स्थिति अत्यंत दयनीय है। अतः ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी जिम्मेदारी‘ के उसूल के तहत सबसे कमजोर पसमांदा जातियों एवं महिलाओं को संगठन में उनकी आबादी से अनुसार हिस्सेदारी देने का प्रण लिया। महिलाओं एवं युवाओं को महाज में हर स्तर पर उचित नुमायन्दगी मिलेगी और अभी अलग से कोई सेल नहीं होगा।

संगठन के प्रदेश महासचिव तौक़ीर अहमद अंसारी ने कहा के बिहार मे पासमांदा समाज का बड़ा हिस्सा जिसमें पासमांदा समाज की कई जातियाँ हैं, जो आज भी सड़क किनारे या खुली मैदान मे झोपड़ी बना कर गुजर बसर कर रहा है। संगठन बिहार सरकार से मांग करता है कि एक सर्वे करा कर ऐसे लोगो को चिन्हित करें और उनको रहने के लिए 5 दिसमल जमीन या उसका मुआवजा दे ताकि ये समाज अपने बाल बच्चों के साथ गुजर बसर कर सके।
पासमांदा समाज में ऐसे जातियां हैं जो सामाजिक और आर्थिक अस्तर पर बहुत पिछड़ी हैं महाज सरकार से मांग करती है कि पासमंदा समाज के ऐसे जातियों का सर्वे करा कर उनको SC/ST का दर्जा दे।
महाज की कार्य प्रणाली व्यक्ति-केंद्रित न होकर विचारधारात्मक, लोकतांत्रिक एवं सामूहिक होगी। संगठन के उद्देश्य, लक्ष्य एवं विचाराधारा पर फोकस किया जायेगा। ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज के लिए धन की पूर्ति हेतु हर प्रदेश से 100 मेम्बर को चुना जायेगा जो लोग 500/- या उससे अधिक प्रति महीना संगठन को सुचारु रूप से चलाने के लिए चंदा देंगे। कार्यक्रम मे प्रदेश उपाध्यक्ष परवेज़ आलम, महाज़ के संयोजक निशात अख्तर, दरभंगा जिला अध्यक्ष मो इफ़्तेख़ार उर्फ़ गुलज़ार अंसारी, प्रदेश सचिव सह दरभंगा प्रभारी मो नूर आलम, प्रदेश महासचिव मो गुफरान अली, पालीगंज के जिला पार्षद शमीम अंसारी साहब, कामरेड मो अनवर साहब, माले नेता अनवर साहब, अकबर अली चैन साहब और अन्य लोगो ने पुरे जोश के साथ अपनी बाते रखी!