पहलगाम शहीदों को श्रद्धांजलि, वक्फ संशोधन विधेयक पर रणनीति

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ की दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक

नई दिल्ली। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ की एक महत्वपूर्ण बैठक आज दिल्ली कार्यालय में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री शारिक अदीब अंसारी के नेतृत्व में संपन्न हुई। इसमें संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकारिणी सदस्य शामिल हुए। बैठक की शुरुआत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई। उपस्थित सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। महाज़ ने इस कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा की। बैठक में पसमांदा मुसलमानों की सामाजिक स्थिति और वक्फ संशोधन विधेयक के प्रभावों पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने वक्फ संपत्तियों में अनियमितताओं और पसमांदा समुदाय के अधिकारों के हनन के मुद्दे उठाए। विधेयक के प्रस्तावित संशोधनों को पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने वाला बताया गया, जो वक्फ संसाधनों को जरूरतमंद पसमांदा तबकों तक पहुँचाने में सहायक हो सकता है।

संगठन ने विधेयक का सैद्धांतिक समर्थन करने और पसमांदा समुदाय को वक्फ लाभों में प्राथमिकता देने की मांग करने का निर्णय लिया। साथ ही, अधिकारों के हनन पर सशक्त विरोध का संकल्प लिया गया। वक्फ संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने पर विचार हुआ, और 5 मई 2025 की सुनवाई के बाद कोर्ट के रुख के आधार पर निर्णय लेने का फैसला किया गया। बैठक में दिल्ली के नव-नियुक्त अध्यक्ष डॉ. शारिद जमाल अंसारी, दिल्ली प्रभारी नफीस मंसूरी, मुख्तार अंसारी, रेहान असरारी, आसिफ सिद्दीकी, अलमास यज़दानी और तेलंगाना अध्यक्ष अदनान क़मर उपस्थित रहे। इन नेताओं ने पसमांदा हितों के लिए संगठित प्रयासों को तेज करने की प्रतिबद्धता जताई।

शारिक अदीब अंसारी ने कहा, “पसमांदा मुसलमान देश के सबसे वंचित वर्गों में हैं। महाज़ उनकी आवाज़ को बुलंद करने और नीति निर्माण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। वक्फ संपत्तियाँ हमारी साझा धरोहर हैं, जिन पर पसमांदा समाज का विशेष अधिकार है।” बैठक के अंत में, महाज़ ने देशव्यापी जागरूकता अभियान चलाकर पसमांदा समुदाय के अधिकारों, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय के मुद्दों को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया। संगठन ने भविष्य में भी ऐसी बैठकों के माध्यम से पसमांदा समाज की आवाज़ को नीतिगत स्तर तक पहुँचाने का वचन दिया।