‘तेली‘ जाति ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल, एआइपीएमएम ने व्यक्त की खुशी

राजस्थान हाई कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णयः जाति ‘तेली‘ को ओबीसी आरक्षण का लाभ सभी धर्मों के लिए लागू
लखनऊ। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज राजस्थान हाई कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का हृदय से स्वागत करता है, जिसमें न्यायालय ने यह स्पष्ट किया है कि ‘तेली‘ जाति, जो ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल है, का लाभ सभी धर्मों के लोगों को समान रूप से मिलेगा। यह निर्णय न केवल ‘तेली‘ जाति बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल साबित होगा।
न्यायालय ने कहा कि ‘तेली‘ जाति का गठन उनके पारंपरिक व्यवसाय के आधार पर हुआ है, न कि धर्म के आधार पर। संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत किसी भी व्यक्ति के साथ धर्म, जाति, या अन्य किसी भी आधार पर भेदभाव करना असंवैधानिक है। यह निर्णय राजस्थान के सभी सरकारी विभागों, शैक्षणिक संस्थानों, और संस्थानों को निर्देश देता है कि वे ‘तेली‘ जाति के अंतर्गत आने वाले किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ प्रदान करें।
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज इस फैसले को सामाजिक समानता और न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम मानता है। यह निर्णय यह सुनिश्चित करता है कि समाज के पिछड़े वर्ग, जिनका वर्गीकरण उनके पारंपरिक व्यवसाय के आधार पर किया गया है, उन्हें धार्मिक भेदभाव के बिना आरक्षण का लाभ दिया जाए। महाज का मानना है कि यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 340, 341, और 342 के तहत जातिगत वर्गीकरण और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को और अधिक मजबूत करता है।
आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज इस फैसले को आधार बनाकर अन्य राज्यों में भी इसी तरह के मामलों को उठाने और जातिगत भेदभाव को समाप्त करने की दिशा में कार्य करेगा। संगठन ने सरकार से यह मांग की है कि जिन जातियों का वर्गीकरण उनके व्यवसाय के आधार पर हुआ है, उन्हें बिना किसी धार्मिक भेदभाव के आरक्षण का लाभ दिया जाए। महाज ने सभी विभाग से संविधान के धर्मनिरपेक्ष और न्यायप्रिय सिद्धांतों का पालन करने की गुजारिश की है। यह निर्णय न केवल ‘तेली‘ जाति बल्कि सभी पिछड़े वर्गों के लिए प्रेरणा और समानता का संदेश है। यह भारतीय समाज को एक धर्मनिरपेक्ष, न्यायपूर्ण, और समतामूलक समाज की दिशा में अग्रसर करेगा।