नोएडा में पासमांदा विमर्श और भविष्य की कार्य योजना पर चर्चा

नोएडा में पासमांदा समुदाय के सशक्तिकरण पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज हनीफ, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शारिद हुसैन, और प्रदेश प्रभारी ई. नफीस मंसूरी ने हिस्सा लिया। इस बैठक में पासमांदा समुदाय की सामाजिक, शैक्षिक, और आर्थिक चुनौतियों पर चर्चा हुई और ठोस कार्य योजना तैयार की गई।

पासमांदा विमर्श का महत्व- पासमांदा शब्द हाशिए पर पड़े मुस्लिम समुदायों, जैसे अनुसूचित जाति, जनजाति, और ओबीसी, को दर्शाता है। परवेज हनीफ ने शिक्षा, रोजगार, और सामाजिक समानता की कमी को प्रमुख बाधाएं बताया और नीतिगत समाधान व जमीनी कार्यान्वयन पर जोर दिया।

नेताओं की भूमिका- डॉ. शारिद हुसैन ने दिल्ली में पासमांदा समुदाय की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए विशेष शैक्षिक और कौशल विकास कार्यक्रमों की आवश्यकता बताई। ई. नफीस मंसूरी ने नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन और सरकारी योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत का लाभ सुनिश्चित करने के लिए सरकारों के साथ समन्वय की बात कही।

भविष्य की कार्य योजना
1. शिक्षा और कौशल: कोचिंग और व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करना।
2. आर्थिक सशक्तिकरण: सूक्ष्म-वित्त और स्टार्टअप योजनाओं को बढ़ावा।
3. जागरूकता: सामुदायिक बैठकें और सेमिनार आयोजित करना।
4. नीतिगत पैरवी: विशेष समिति बनाकर आरक्षण और कल्याण योजनाओं की मांग।
5. स्वास्थ्य: आयुष्मान भारत और स्वास्थ्य शिविरों का लाभ सुनिश्चित करना।

हनीफ ने पासमांदा समुदाय की प्रगति को राष्ट्रीय विकास से जोड़ा और संविधान द्वारा प्रदत्त समानता को लागू करने की बात कही। उन्होंने विमर्श को सामाजिक न्याय के व्यापक संदर्भ में देखने का आह्वान किया।
यह बैठक दिल्ली के पासमांदा समुदाय के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। परवेज हनीफ, डॉ. शारिद हुसैन, और ई. नफीस मंसूरी के नेतृत्व में तैयार योजनाएं दिल्ली की पसमांदा मुस्लिम समुदाय को मुख्यधारा में लाने में सहायक होंगी। पासमांदा विमर्श भारत के समावेशी विकास के लिए एक सामाजिक आंदोलन है, जो सभी हितधारकों के सहयोग से साकार होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज़ हनीफ ने उम्मीद जताई है कि इन दोनों एजुकेटेड नौजवान कर्मठ एक्टिविस्ट के नेतृत्व में दिल्ली में दुबारा पसमांदा आन्दोलन खड़ा होगा।