एआइपीएमएम जल्द शुरू करेगा जागरूकता अभियान
लखनऊ। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज (एआइपीएमए) ने केंद्र सरकार के जनसंख्या जनगणना के साथ जातीय जनगणना को शामिल करने के ऐतिहासिक फैसले का हार्दिक स्वागत किया है। यह निर्णय पसमांदा मुस्लिम समाज, जो भारत की मुस्लिम आबादी का 80-85 प्रतिशत हिस्सा है, के सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर, संगठन ने 2 मई 2025 को जूम मीटिंग का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज हनीफ ने की और समन्वय सीईओ मुहम्मद यूनुस ने किया।
इस मीटिंग में संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों और पसमांदा एक्टिविस्ट्स ने हिस्सा लिया, जिनमें अख्तर हुसैन (राष्ट्रीय सलाहकार), कमरुद्दीन (राष्ट्रीय महासचिव), अबु शहीद (प्रदेश अध्यक्ष, झारखंड), डॉ. नसीम (कार्यकारी अध्यक्ष, बिहार), सुहैलुद्दीन (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), रकीब आलम और रूमाना अनवर सहित अन्य शामिल थे। मीटिंग में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि संगठन जातीय जनगणना का पूर्ण समर्थन करता है और इसके महत्व को पसमांदा समुदाय तक पहुंचाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान शुरू करेगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज हनीफ ने कहा पसमांदा समुदाय को अपनी जाति सही और स्पष्ट रूप से दर्ज करने के लिए प्रेरित करना, ताकि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा अशराफ नेतृत्व के भ्रामक प्रचार के खिलाफ समाज को जागरूक करना और अपनी जातीय पहचान पर गर्व करने के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है।
श्री हनीफ ने सरकार से अनुरोध किया कि मुस्लिम समाज को अशराफ और पसमांदा समूहों में बांटकर उनकी जातियों को सूचीबद्ध किया जाए।
सीईओ मुहम्मद युनुस ने कहा ‘‘जातीय जनगणना पसमांदा मुस्लिम समाज के लिए एक सुनहरा अवसर है। हमारा जागरूकता अभियान हर जिले, शहर, और ग्राम पंचायत तक पहुंचेगा, ताकि प्रत्येक पसमांदा मुस्लिम अपनी जातीय पहचान को गर्व के साथ दर्ज कराए। उन्होंने कहा संगठन स्थानीय स्तर पर कार्यशालाएं, सेमिनार, और सोशल मीडिया द्वारा जागरूकता फैलाएगा। पसमांदा महिलाओं और युवाओं को विशेष रूप से शामिल किया जाएगा। साथ ही, पारदर्शी और निष्पक्ष जनगणना के लिए राजनीतिक दलों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा।