ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़: एक परिचय

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ (AIPMM) एक राष्ट्रवादी सामाजिक संगठन है, जो भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज को जागरूक करने और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने के लिए सतत प्रयासरत है। संगठन का मुख्य उद्देश्य पसमांदा समाज के सामाजिक, शैक्षणिक, राजनीतिक, और आर्थिक विकास को सुनिश्चित करना है। यह संगठन विशेष रूप से उन मूलभूत मुद्दों पर काम करता है, जो पसमांदा समाज को अन्य समुदायों की तुलना में पीछे रखते हैं।

संगठन के उद्देश्यों और कार्यक्षेत्र

1. शिक्षा में सुधार: संगठन का मानना है कि शिक्षा किसी भी समाज की उन्नति की नींव है। AIPMM पसमांदा मुस्लिम समाज को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाता है। इसका उद्देश्य बच्चों की शिक्षा, महिलाओं की साक्षरता, और उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना है।

2. स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रावधान: संगठन पसमांदा समुदाय के लिए स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाता है और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करता है।

3. राजनीतिक हिस्सेदारी: पसमांदा समाज को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाना संगठन का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है। संगठन मानता है कि राजनीतिक हिस्सेदारी के बिना किसी भी समुदाय का विकास संभव नहीं है।

4. आर्थिक विकास: संगठन पसमांदा समाज के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए स्वरोज़गार योजनाओं, व्यापारिक प्रशिक्षण, और वित्तीय सहायता जैसे उपायों को लागू करता है।

5. वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास: AIPMM पसमांदा समाज में वैज्ञानिक सोच और तर्क आधारित दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करता है।

विचारधारा: ऐतिहासिक संदर्भ और धार्मिक दृष्टिकोण- ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ की विचारधारा “सुलह हुदैबिया,” “मीसाक-ए-मदीना,” “नबी करीम का आखरी खुतबा,” और “लाकुम दीनाकुम वलियादीन” पर आधारित है। सुलह हुदैबिया: यह समझौता शांति, सह-अस्तित्व, और बातचीत के माध्यम से विवादों को सुलझाने का प्रतीक है। मीसाक-ए-मदीना: यह सामाजिक समानता और विभिन्न समुदायों के बीच समरसता की मिसाल है। नबी करीम का आखरी खुतबा: यह मानव अधिकार, समानता, और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर आधारित है। लाकुम दीनाकुम: यह धार्मिक स्वतंत्रता और सह-अस्तित्व का प्रतीक है।

पसमांदा समाज की ऐतिहासिक उपेक्षा- AIPMM का मानना है कि अशरफ़ मुस्लिम समाज ने जानबूझकर भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज को पीछे रखा और उन्हें केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया।

वोट बैंक की राजनीति: अशरफ मुस्लिम नेताओं ने पसमांदा समाज को उनके अधिकारों से वंचित रखा, जबकि उनकी पहचान का राजनीतिक लाभ उठाया।

शैक्षणिक और आर्थिक पिछड़ापन: पसमांदा समुदाय को जानबूझकर शिक्षा और आर्थिक संसाधनों से दूर रखा गया।

संगठन का रुख: अशरफ मुस्लिम समाज के प्रति AIPMM स्पष्ट करता है कि वह अशरफ मुस्लिम समाज के किसी भी व्यक्ति या समूह का स्वागत नहीं करता, चाहे वह कितने भी उच्च स्तर पर क्यों न पहुंच जाए।

व्यक्तिगत संबंध: संगठन व्यक्तिगत संबंधों में हस्तक्षेप नहीं करता है, लेकिन सामुदायिक और सामाजिक निर्णयों में अशरफ समुदाय का समर्थन नहीं करता। समाज में समानता का संदेश: संगठन का उद्देश्य पसमांदा मुस्लिम समाज को समानता और न्याय का अधिकार दिलाना है।

संगठन की प्रमुख उपलब्धियां और पहल 1. शैक्षिक अभियान: ‘पसमांदा जागरूकता अभियान’ के माध्यम से सैकड़ों गांवों में शिक्षा का प्रचार। 2. स्वास्थ्य शिविर: गरीब परिवारों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई स्वास्थ्य शिविर लगाए।

3. राजनीतिक जागरूकता: पसमांदा समाज को उनके राजनीतिक अधिकारों और उनके महत्व के प्रति जागरूक किया। 4. आर्थिक पहल: गरीब परिवारों की मदद के लिए “ज़कात फाउंडेशन” की स्थापना और स्वरोज़गार योजनाओं का संचालन।

भविष्य की योजनाएं 1. “पसमांदा वॉयस” पत्रिका का पुनः प्रकाशन। 2. सभी जिलों में गरीब बच्चों की शादी एवम् शिक्षा के लिए पायलट प्रोजेक्ट। 3. विभिन्न राज्यों में संगठन का विस्तार और अधिक कार्यालयों की स्थापना। 4. ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम पर्सन लॉ बोर्ड का गठन।

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ का उद्देश्य केवल पसमांदा समाज को सशक्त बनाना नहीं, बल्कि उन्हें समाज के सभी स्तरों पर बराबरी का अधिकार दिलाना है। संगठन अपनी विचारधारा और नीतियों के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि पसमांदा समाज भविष्य में सम्मान और गरिमा के साथ जीवन व्यतीत कर सके।