AIPMM ने पहलगाम आतंकवादी घटना और वक्फ संशोधन कानून पर की चर्चा

ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ की ज़ूम मीटिंग:

दिनांक 25 अप्रैल 2025 को रात 9:30 बजे ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने एक महत्वपूर्ण ज़ूम मीटिंग का आयोजन किया। इस मीटिंग में पहलगाम (कश्मीर) में हाल ही में हुई आतंकवादी घटना और वक्फ संशोधन कानून जैसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। मीटिंग में संगठन के शीर्ष नेतृत्व और प्रमुख सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिनमें राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज़ हनीफ, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मुहम्मद युनुस, राष्ट्रीय सलाहकार अख्तर हुसैन, राष्ट्रीय महासचिव कमरुद्दीन अंसारी, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष आबूरशहीद अंसारी, बिहार प्रदेश अध्यक्ष तारिक अनवर, और राष्ट्रीय प्रवक्ता व महाराष्ट्र प्रभारी मोहम्मद इरफान जामियावाला, शफकत अंसारी प्रभारी झारखंड इजराइल अंसारी प्रदेश सचिव झारखंड, सुहैल अंसारी प्रदेश प्रभारी एवम् राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, शब्बीर आलम राष्ट्रीय सचिव, परवेज़ आलम प्रदेश उपाध्यक्ष बिहार, शमशुल हक अंसारी ज़िला अध्यक्ष सीवान, शाहीन अंसारी राष्ट्रीय सचिव एवम् प्रदेश प्रभारी यूपी आदि शामिल थे।

मीटिंग का प्रारंभ: पहलगाम के शहीदों और घायलों के लिए दुआ- मीटिंग की शुरुआत एक भावपूर्ण और गंभीर नोट के साथ हुई, जिसमें पहलगाम में आतंकवादी हमले में शहीद हुए लोगों की आत्मा की शांति के लिए दुआ मांगी गई। साथ ही, इस हमले में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के लिए विशेष दुआ की गई। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने जुमे के दिन देशभर के मुस्लिम समुदाय से अपील की थी कि वे नमाज़ के बाद आतंकवादियों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करें और शहीदों के लिए दुआ करें। इस अपील का व्यापक और सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला।
संगठन ने इस बात पर गर्व और संतुष्टि व्यक्त की कि देश के मुस्लिम समुदाय ने एकजुट होकर आतंकवादियों के नापाक मंसूबों को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मीटिंग में यह भी उल्लेख किया गया कि कुछ न्यूज़ चैनल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, प्रिंट मीडिया, और राजनीतिक हस्तियों ने इस घटना को हिंदू-मुस्लिम संप्रदायिक रंग देकर अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश की। हालांकि, देश के मुस्लिम समुदाय ने ऐसी कोशिशों को पूरी तरह नाकाम कर दिया। इस संदर्भ में, मुस्लिम इमामों, उलमाओं, और राजनेताओं का सरकार के समर्थन में खड़े होना एक सुखद और प्रेरणादायक पहलू रहा, जिसकी संगठन ने सराहना की।

पहलगाम आतंकवादी घटना: संगठन का स्पष्ट और दृढ़ रुख- ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने पहलगाम में हुई आतंकवादी घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और इसे मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया। संगठन ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस घटना को कुछ मीडिया प्लेटफॉर्मों और नेताओं द्वारा हिंदू-मुस्लिम विवाद के रूप में प्रस्तुत करना पूरी तरह अस्वीकार्य है। संगठन का दृढ़ मत है कि यह हमला पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित था, जो लंबे समय से कश्मीर पर अपनी नज़रें गड़ाए हुए है।
मीटिंग में यह दोहराया गया कि कश्मीर भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है, और पाकिस्तान की किसी भी तरह की दावेदारी को भारत के नागरिक कभी स्वीकार नहीं करेंगे। संगठन ने यह भी जोर देकर कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) भारत का हिस्सा है, जिस पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। इस घटना को धार्मिक रंग देने की कोशिशों को संगठन ने सिरे से खारिज किया और इसे दो देशों के बीच की लड़ाई करार दिया। संगठन ने चेतावनी दी कि इस घटना को मजहब से जोड़ना, जानबूझकर या अनजाने में, आतंकवादियों के पक्ष को मजबूत करने के समान है।ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने सरकार की संवेदनशील स्थानों पर चेक पोस्ट न होने को बड़ी चूक बताया और ऐसी जगहों पर चेक पोस्ट स्थापित करने की मांग की।

सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव
मीटिंग में गहन विचार-विमर्श के बाद निम्नलिखित प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए:
1. वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका- ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने निर्णय लिया कि वह सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करेगा, जिसमें माननीय न्यायालय से अनुरोध किया जाएगा कि वक्फ संशोधन कानून के मुख्य लाभार्थी पसमांदा मुस्लिम समाज के पक्ष को भी सुनवाई में शामिल किया जाए। संगठन का मानना है कि यह कानून पसमांदा मुस्लिम समाज को सबसे अधिक प्रभावित करेगा, और उनकी आवाज़ को सुनना न केवल न्यायोचित बल्कि आवश्यक भी है।
2. पहलगाम घटना के विरोध में कैंडल मार्च- संगठन ने देशभर में अपने सभी कार्यालयों और अन्य स्थानों पर पहलगाम आतंकवादी घटना के विरोध में कैंडल मार्च आयोजित करने का फैसला लिया। यह मार्च शहीदों के प्रति सम्मान, घायलों के समर्थन, और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक होगा। संगठन ने सभी सदस्यों और समर्थकों से इस आयोजन में सक्रिय भागीदारी की अपील की।
वक्फ संशोधन कानून पर चर्चा- राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज़ हनीफ ने मीटिंग में जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष प्रस्तुत कर दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 5 मई 2025 को निर्धारित की गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संगठन को इस तारीख से पहले सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर करनी होगी ताकि पसमांदा मुस्लिम समाज के हितों को प्रभावी ढंग से रखा जा सके। इस प्रस्ताव पर सभी उपस्थित सदस्यों ने पूर्ण सहमति जताई।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुहम्मद युनुस ने याचिका दायर करने में होने वाले खर्च और इसके संभावित परिणामों पर गंभीर चर्चा की। उन्होंने सुझाव दिया कि याचिका दायर करने से पहले इस बात पर गहन विचार किया जाना चाहिए कि इससे संगठन और पसमांदा समाज को क्या लाभ होगा। उन्होंने अनुमान लगाया कि याचिका की प्रक्रिया में वित्तीय सहायता की ज़रूरत होगी और इसके लिए सभी सदस्यों और समर्थकों से चंदा जुटाने की आवश्यकता होगी। इस सुझाव पर भी सभी ने सहमति जताई और इस दिशा में तत्काल कदम उठाने का निर्णय लिया।
संगठन की एकता और आतंकवाद के खिलाफ संदेश- मीटिंग में उपस्थित सभी नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का संकल्प दोहराया। संगठन ने देशवासियों से अपील की कि वे आतंकवाद को किसी भी रूप में समर्थन न दें और इसे धार्मिक विवाद से पूरी तरह अलग रखें। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि वह सामाजिक न्याय, समानता, और राष्ट्रीय एकता के लिए निरंतर कार्य करता रहेगा।
संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी भी तरह के विभाजनकारी एजेंडे का विरोध करता है और देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। मीटिंग में यह संदेश जोर देकर दिया गया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, और इसे मजहब से जोड़ने की कोशिशें देश के सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करती हैं।
यह ज़ूम मीटिंग ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। संगठन ने न केवल पहलगाम आतंकवादी घटना के खिलाफ अपनी आवाज़ को दृढ़ता से बुलंद किया, बल्कि वक्फ संशोधन कानून जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक और कानूनी मुद्दे पर भी अपनी रणनीति को और मजबूत किया। इस मीटिंग ने यह स्पष्ट कर दिया कि संगठन न केवल पसमांदा मुस्लिम समाज के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है।
संगठन की यह पहल देशभर के मुस्लिम समाज विशेष रूप से पसमांदा मुस्लिम समाज और अन्य समुदायों के बीच एकता, जागरूकता, और सामाजिक न्याय की भावना को और मजबूत करेगी। कैंडल मार्च और सुप्रीम कोर्ट में याचिका जैसे कदम संगठन के दृढ़ संकल्प और सक्रियता को दर्शाते हैं, जो भविष्य में भी सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर प्रभावी योगदान देगा।