गिरिडीह। 26 जनवरी 2025 को झारखंड के गिरिडीह जिले में ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. कलीम अंसारी ने अम्बुजा स्कूल में 76वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में ध्वजारोहण किया। यह स्कूल विशेष रूप से पसमांदा मुस्लिम समाज द्वारा संचालित किया जाता है और समाज के पिछड़े वर्गों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित है। डॉ. कलीम अंसारी ने इस अवसर पर भारत के संविधान के महत्व और गणतंत्र दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उन्होंने पसमांदा मुस्लिम बच्चों को बताया कि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था, जो देश को एक लोकतांत्रिक और समानता आधारित समाज बनाने का आधार है।
संविधान: समानता और अधिकारों का प्रतीक- अपने भाषण में उन्होंने संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह केवल एक दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि भारत की विविधता और एकता का आधार है। उन्होंने बच्चों को समझाया कि संविधान ने दलितों, पसमांदा मुसलमानों और समाज के अन्य वंचित वर्गों को शिक्षा का अधिकार, समानता का अधिकार और न्याय पाने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने यह भी बताया कि गणतंत्र दिवस केवल झंडा फहराने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिन देश के प्रत्येक नागरिक को उसके कर्तव्यों और अधिकारों की याद दिलाता है। इस अवसर पर बच्चों के साथ संविधान की प्रस्तावना को भी साझा किया गया ताकि वे इसके मूल्यों को समझ सकें।
बच्चों में उत्साह और प्रेरणा- झंडा फहराने के बाद बच्चों को मिठाई और चॉकलेट बांटी गईं, जिससे उनके बीच उत्साह और खुशी का माहौल बना। बच्चों को इस अवसर पर प्रेरित करते हुए डॉ. कलीम अंसारी ने उन्हें शिक्षा के महत्व को समझने और संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का उपयोग कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा दी। उन्होंने यह भी कहा कि अम्बुजा स्कूल जैसे शैक्षणिक संस्थान पसमांदा मुस्लिम समाज के विकास और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे स्कूल न केवल शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, बल्कि बच्चों में सामाजिक चेतना और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना भी जगा रहे हैं।
समाप्ति और आगे का संदेश- डॉ. कलीम अंसारी ने इस मौके पर अपील की कि समाज के सभी लोग शिक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाएं और संविधान के मूल्यों को अपने जीवन में उतारें। उन्होंने कहा कि केवल शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से ही समाज में व्याप्त भेदभाव और असमानता को खत्म किया जा सकता है। गणतंत्र दिवस का यह आयोजन न केवल पसमांदा मुस्लिम बच्चों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना, बल्कि यह दर्शाया कि कैसे संविधान ने वंचित समाज के उत्थान का मार्ग प्रशस्त किया है। अम्बुजा स्कूल का यह आयोजन सामाजिक चेतना और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनकर उभरा।