पसमांदा मुसलमानों की लड़ाई स्वघोषित अशराफ मुस्लमान 75 सालों से आम मुसलमानों के अधिकारों पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं सभी मुस्लिम इदारे और तंजीमों पर उन एदारे और तंजीमों पर उसके स्थापना काल से लेकर आजतक स्वघोषित अशराफ मुसलमानों का 100 प्रतिशत आरक्षण है और पसमांदा मुसलमान इन इदारों और तंजीमों को मुसलमानों का इदारा या तंजीम समझने की गलती लगभग 75 सालों से करते आ रहे हैं। जैसे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, आल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत, जमियतूल ओलमा ए हिन्द, जमात ए इस्लामी, अहले हदीस, रजा एकेडमी, बरेलवी जमात के तमाम इदारे, इमारत शरिया बिहार, बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, दारुल उलूम देवबंद, नदवतुल उलूम लखनऊ ये सारे इदारे और तंजीमें खुदसाखता अशराफ मुस्लमानों के हैं, लेकिन ये इन इदारों और तंजीमों के नाम पर पसमांदा मुसलमानों को सिर्फ जज्बात में उभार कर और हमारी भीड़ को दिखाकर अपना राजनीतिक फायदा हासिल करते हैं, लेकिन पसमांदा मुसलमान इनकी चाल और सियासत को समझने में 75 सालों से गलती करते आ रहे हैं। सबसे पहले इन इदारों और तंजीमों को बायकॉट किजिए, इनके किसी भी प्रोग्राम को कामयाब मत होने दीजिए। साथ ही जहां कहीं भी स्वघोषित अशराफ मुसलमान किसी भी राजनीतिक पार्टी से सांसद या विधायक का चुनाव लड़ रहा हो वहां उसे हराने के लिए दमसरी पार्टी के किसी गैर मुस्लिम प्रत्याशी को पसमांदा मुसलमान अपना वोट दें। जैसा कि स्वघोषित अशराफ मुसलमान किसी पसमांदा मुसलमान को हराने के लिए करते आए हैं। जब पसमांदा मुसलमान राजनीतिक तौर पर ऐसा करना शुरू कर देंगे तब राजनीतिक पार्टियों को समझ में आना शुरू हो जाएगा और तब राजनीतिक पार्टियां जहां कहीं भी मुस्लिम प्रत्याशी खड़ा करना चाहेंगे तो वहां किस मुस्लिम बिरादरी की संख्या अधिक है उस पर गौर करना शुरू कर देगी। फिर राजनीतिक पार्टियां उन्हीं बिरादरी के मुस्लमान को उस क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाएगी, जिस क्षेत्र में जिस मुस्लिम बिरादरी की संख्या अधिक होगी। ऐसा करने से पसमांदा मुसलमानों को खुद ब खुद उनकी आबादी के अनूपात में भागीदारी मिलना शुरू हो जाएगा और मुसलमानों के नाम पर मलाई दबाने वाले स्वघोषित अशराफ मुसलमान खुद ब खुद राजनीति के मैदान से हटना शूरू हो जाएंगे, लेकिन इसका लिए पहला शर्त यही है कि हर सांसद और विधायक के चुनाव में पसमांदा मुसलमानों को स्वघोषित अशराफ मुस्लमानों को किसी भी कीमत पर जीतने नहीं देना है।
अल्लाह हमारा हांमी और नासिर है।