एआइपीएमएम ने सदस्यता अभियान और चुनावी रणनीति को लेकर की बैठक

बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया

फुलवारी शरीफ, पटना। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ (AIPMM) की बिहार इकाई ने आज फुलवारी शरीफ, नया टोला स्थित महाराज के कार्यालय में एक ऐतिहासिक और निर्णायक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक की अध्यक्षता संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नसीम अनवर ने की। बैठक में संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, और बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस अवसर पर संगठन की भविष्य की रणनीति, सदस्यता अभियान की शुरुआत, और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। यह बैठक पसमांदा समाज के उत्थान और संगठन की मज़बूती के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।

बैठक में उपस्थित प्रमुख सदस्य
बैठक में संगठन के कई प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया, जिनमें निम्नलिखित शामिल थे:
– निषाद अख्तर (कार्यालय इंचार्ज)
– मोहम्मद कमरुद्दीन अंसारी (राष्ट्रीय महासचिव)
– रियाज़ुद्दीन बखो (राष्ट्रीय महासचिव)
– शब्बीर आलम (राष्ट्रीय सचिव)
– आरिफ राजा (प्रदेश संयोजक)
– मोहम्मद शमीम अख्तर ( जिला अध्यक्ष , अरवल)
– मोहम्मद फिरोज आलम
– मुमताज़ आलम अंसारी ( प्रदेश कोषाध्यक्ष )
– रफ़ी अहमद कादरी (जिला अध्यक्ष, पटना)
– अबू शाहिद (झारखंड)
– मोहम्मद आसिफ अंसारी (जिला अध्यक्ष,भागलपुर)
– सफ़ी आलम (जिला कार्यकारी अध्यक्ष,पटना)
– मोहम्मद शमशाद अंसारी (प्रदेश महासचिव)
– मोहम्मद वकील वारिश (प्रदेश सचिव)

इनके अलावा, बिहार के विभिन्न ज़िलों, तहसीलों, और ग्राम पंचायत स्तर से आए अन्य कार्यकर्ता और प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए, जिन्होंने संगठन की गतिविधियों को मज़बूत करने में अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज की।

बैठक के प्रमुख बिंदु और निर्णय- बैठक में संगठन के सामने मौजूद चुनौतियों, अवसरों, और भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो संगठन को सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक रूप से मज़बूत करने में मदद करेंगे। निम्नलिखित बिंदु बैठक के मुख्य आकर्षण रहे:

1. संगठनात्मक बाधाओं का समाधान
बैठक में संगठन के कार्यों में आने वाली बाधाओं पर गहन विश्लेषण किया गया। इन बाधाओं के मूल कारणों की पहचान की गई और उनके समाधान के लिए ठोस सुझाव प्रस्तुत किए गए। सभी सदस्यों ने इस बात पर सहमति जताई कि संगठन की गतिविधियों को और अधिक सुचारू करने के लिए आपसी समन्वय और संवाद को मज़बूत करना आवश्यक है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय सुझाए गए:
– नियमित अंतराल पर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बैठकें आयोजित करना।
– संगठन के सभी स्तरों पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना।
– आपसी सम्मान और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक कार्यक्रमों का आयोजन करना।

2. आपसी सहमति और भाईचारे पर विशेष जोर
संगठन की एकता और पसमांदा समाज के हितों को सर्वोपरि रखते हुए, सभी सदस्यों ने भाईचारे और आपसी सहमति को मज़बूत करने का संकल्प लिया। यह निर्णय लिया गया कि संगठन की विचारधारा के अनुरूप सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता पसमांदा समाज के उत्थान के लिए एकजुट होकर कार्य करेंगे। इसके लिए निम्नलिखित रणनीतियाँ बनाई गईं:
– संगठन के बायलॉज (उपनियमों) का कड़ाई से पालन करना।
– सभी स्तरों (राष्ट्रीय, प्रदेश, ज़िला, तहसील, ब्लॉक, और ग्राम पंचायत) पर सलाह-मशविरे के आधार पर निर्णय लेना।
– राष्ट्रीय नेतृत्व को कोर कमेटी और स्टेलर ट्रस्टी के दिशा-निर्देशों का पालन करना।
– प्रदेश और स्थानीय इकाइयों को अपने ऊपरी नेतृत्व के साथ समन्वय बनाए रखना।

3. घर-घर तक संगठन की पहुँच
पसमांदा समाज को जागरूक और संगठित करने के लिए संगठन की गतिविधियों को हर घर तक पहुँचाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इसके लिए एक विशेष सदस्यता अभियान शुरू करने पर सहमति बनी। इस अभियान के तहत:
– कार्यकर्ता गाँव-गाँव, मोहल्ले-मोहल्ले में जाकर लोगों को संगठन से जोड़ेंगे।
– पसमांदा समाज की विभिन्न जातियों और समुदायों की जानकारी एकत्र की जाएगी।
– समाज की ज़रूरतों और समस्याओं को समझकर उनके समाधान के लिए योजनाएँ बनाई जाएंगी।

सदस्यता रसीद और प्रमाणपत्र की व्यवस्था
बैठक में सदस्यता रसीद और प्रमाणपत्र की व्यवस्था को लागू करने का प्रस्ताव औपचारिक रूप से पारित किया गया। इस व्यवस्था के तहत निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया:
– जातिगत जानकारी का संग्रह: सदस्यता रसीद के माध्यम से पसमांदा समाज की विभिन्न जातियों और समुदायों की जानकारी एकत्र की जाएगी। इससे संगठन को समाज की सामाजिक और आर्थिक संरचना की बेहतर समझ मिलेगी, जिसके आधार पर नीतियाँ और कार्यक्रम बनाए जाएँगे।
– सदस्यता का प्रमाणीकरण: प्रत्येक सदस्य को एक प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा, जो उनकी संगठन के प्रति प्रतिबद्धता और सक्रिय भागीदारी को दर्शाएगा।
– राजनीतिक सशक्तीकरण: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए, इस अभियान के माध्यम से पसमांदा समाज को राजनीतिक रूप से संगठित और सशक्त करने की रणनीति बनाई गई।

डॉ. नसीम अनवर ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि:
– अपने-अपने क्षेत्रों में सदस्यता अभियान को तीव्र गति से लागू करें।
– सदस्यता रसीद और प्रमाणपत्र का वितरण सुनिश्चित करें।
– इस अभियान के माध्यम से संगठन को सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक रूप से मज़बूत करें।

आर्थिक मज़बूती के लिए सहयोग
संगठन की आर्थिक मज़बूती के लिए सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि प्रत्येक ज़िम्मेदार पदाधिकारी और कार्यकर्ता प्रतिमाह कम से कम ₹500 या ₹200 संगठन के खाते में जमा करेगा। इस धनराशि का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाएगा: – संगठन के कार्यालय की गतिविधियों और बैठकों के आयोजन के लिए। – ज़रूरतमंद पसमांदा परिवारों की सहायता के लिए। – सदस्यता अभियान, जागरूकता कार्यक्रमों, और अन्य सामुदायिक गतिविधियों के संचालन के लिए।

इसके लिए एक पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था स्थापित करने का निर्णय लिया गया, ताकि धनराशि का उपयोग संगठन के उद्देश्यों के लिए प्रभावी ढंग से हो सके।

आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणनीति
बैठक में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर संगठन की राजनीतिक तैयारियों पर विशेष चर्चा हुई। निम्नलिखित रणनीतियाँ बनाई गईं:
– पसमांदा समाज के बीच राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाना।
– संगठन के सदस्यों और समर्थकों को मतदाता जागरूकता अभियानों में शामिल करना।
– पसमांदा समाज के हितों को प्राथमिकता देने वाली राजनीतिक माँगों को सामने लाना।
– विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ रणनीतिक संवाद स्थापित करना, ताकि पसमांदा समाज की आवाज़ को विधानसभा में प्रभावी ढंग से उठाया जा सके।
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ बिहार की यह बैठक संगठन के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई। बैठक में लिए गए निर्णय और बनाई गई रणनीतियाँ न केवल संगठन को आंतरिक रूप से मज़बूत करेंगी, बल्कि पसमांदा समाज को सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक रूप से सशक्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी। सदस्यता अभियान और आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों ने संगठन को एक नई दिशा प्रदान की है। यह बैठक बिहार में पसमांदा समाज के उत्थान और संगठन की प्रगति के लिए एक मजबूत नींव रखने में सफल रही। संगठन के सभी सदस्यों और कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर पसमांदा समाज के हितों के लिए कार्य करने का संकल्प दोहराया।