लखनऊ। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज (एआइपीएमएम) ने दिनांक 5 मई 2025 को रात 9ः30 बजे एक जूम मीटिंग का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज हनीफ ने की। मीटिंग का समन्वय मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मुहम्मद युनुस ने किया। इस मीटिंग में राष्ट्रीय, प्रदेश, जिला, तहसील, ब्लॉक, शहर, और ग्राम पंचायत स्तर के पदाधिकारियों ने भाग लिया। प्रमुख रूप से राष्ट्रीय सलाहकार अख्तर हुसैन, राष्ट्रीय महासचिव कमरुद्दीन अंसारी, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नसीम अंसारी, राष्ट्रीय सचिव शब्बीर आलम, राष्ट्रीय विधि सलाहकार मोहम्मद अली अंसारी, और अन्य पसमांदा एक्टिविस्ट शामिल रहे।
मीटिंग में सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श के बाद निम्नलिखित प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए-
1. ’वक्फ संशोधन कानून पर संयमित रुख’- संगठन ने सभी पदाधिकारियों, सदस्यों, और पसमांदा एक्टिविस्ट्स से अनुरोध किया कि वक्फ संशोधन कानून, जो वर्तमान में माननीय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, पर अनावश्यक टिप्पणी से बचा जाए। संगठन सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले को पूर्ण रूप से स्वीकार करेगा, जिससे सामाजिक सद्भाव और कानूनी प्रक्रिया का सम्मान सुनिश्चित हो।
2. ’जातीय जनगणना का समर्थन और जागरूकता अभियान’- एआइपीएमएम ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित जातीय जनगणना का पूर्ण समर्थन किया और इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया। संगठन ने विपक्षी नेताओं राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, ममता बनर्जी, चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, और विभिन्न ओबीसी व पसमांदा संगठनों का भी आभार जताया।
संगठन ने चिंता व्यक्त की कि कुछ मुस्लिम अशराफ संगठन और बुद्धिजीवी पसमांदा मुस्लिमों को अपनी जाति दर्ज न करने और केवल मुस्लिम लिखने की सलाह देकर भ्रमित कर रहे हैं, जो भ्रामक और गैर-कानूनी है। जातीय जनगणना का उद्देश्य पसमांदा समाज की शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक विकास, और राजनीतिक हिस्सेदारी का आकलन कर विशेष सुविधाएँ प्रदान करना है। गलत जानकारी के कारण राशन कार्ड, आधार कार्ड, सरकारी आवास, और अन्य सुविधाएँ रद्द हो सकती हैं। इसके समाधान के लिए एआइपीएमएम ने देशव्यापी जागरूकता अभियान शुरू करने का निर्णय लिया, जिसमें पसमांदा आंदोलन से जुड़े सभी लोग शामिल होंगे और समाज को अपनी सही जाति दर्ज करने के लिए प्रेरित करेंगे।
3. ’बिहार में पसमांदा मुस्लिमों की हत्या पर शोक और न्याय की मांग’- संगठन ने बिहार में हाल ही में दो पसमांदा मुस्लिमों की हत्या पर गहरा शोक व्यक्त किया और बिहार सरकार से मांग की कि दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए। संगठन ने इसे सामाजिक एकता के लिए खतरा बताते हुए सभी देशवासियों से आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की।
’सामाजिक एकता की अपील’- एआइपीएमएम ने सभी देशवासियों से सामाजिक एकता को मजबूत करने और पसमांदा समाज की बेहतरी के लिए शिक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण, और जागरूकता पर ध्यान देने का आह्वान किया।
यह मीटिंग पसमांदा समाज के सामने मौजूद चुनौतियों और अवसरों पर विचार-मंथन का एक महत्वपूर्ण मंच रही। एआइपीएमएम ने वक्फ संशोधन, जातीय जनगणना, और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर स्पष्ट और प्रगतिशील रुख अपनाया। जागरूकता अभियान और सामाजिक एकता पर जोर देते हुए संगठन ने पसमांदा मुस्लिम समाज के सशक्तिकरण और उनके हितों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।