22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया। इस बर्बर हमले में 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली नागरिक की निर्मम हत्या कर दी गई। आतंकियों ने पर्यटकों को उनके परिवारों के सामने सिर में गोली मारकर न केवल मानवता को शर्मसार किया, बल्कि जम्मू-कश्मीर में लौट रही शांति और पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को निशाना बनाया। इस हमले का उद्देश्य सांप्रदायिक तनाव भड़काना, धार्मिक विभाजन को बढ़ावा देना और देश में अस्थिरता पैदा करना था। लेकिन भारत की जनता ने एकता और भाईचारे की मिसाल कायम करते हुए इस साजिश को नाकाम कर दिया। इसके बाद, भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से आतंकवाद को करारा जवाब दिया, जो न केवल सैन्य सफलता थी, बल्कि देश की एकता और सामर्थ्य का प्रतीक बन गया।
पहलगाम हमला: आतंक की बर्बरता और सांप्रदायिक साजिश- पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए जाना जाता है, 22 अप्रैल 2025 को आतंकवाद की क्रूरता का शिकार बना। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों ने बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। आतंकियों ने जानबूझकर पुरुषों को निशाना बनाया, जिससे कई महिलाएं विधवा हो गईं। इस हमले का मकसद न केवल पर्यटन को नुकसान पहुंचाना था, बल्कि हिंदू-मुस्लिम विभाजन को उकसाकर सांप्रदायिक तनाव फैलाना भी था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस ब्रीफिंग में स्पष्ट किया कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति और विकास को बाधित करने की सुनियोजित साजिश थी।
हमले के बाद सोशल मीडिया पर कुछ असामाजिक तत्वों ने भड़काऊ संदेश फैलाकर सांप्रदायिक तनाव को हवा देने की कोशिश की। लेकिन भारत की जनता ने समझदारी और संयम का परिचय दिया। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित सभी समुदायों ने एकजुट होकर इस हमले की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में आवाज उठाई। इस एकता ने आतंकियों की सांप्रदायिक साजिश को पूरी तरह विफल कर दिया।
सैयद आदिल हुसैन शाह: मानवता और बलिदान की मिसाल- पहलगाम हमले के दौरान स्थानीय टूरिस्ट गाइड सैयद आदिल हुसैन शाह ने पर्यटकों को बचाने की कोशिश में अपनी जान गंवा दी। उनके इस बलिदान ने साबित कर दिया कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता। उनके पिता, हैदर शाह, ने गर्व के साथ कहा, “मेरे बेटे ने मानवता की रक्षा के लिए अपनी जान दी। यह हमारा सम्मान है।” सैयद आदिल का बलिदान भारत की एकता और भाईचारे का प्रतीक बन गया, जिसने देशवासियों को यह याद दिलाया कि हमारी ताकत हमारी एकजुटता में है।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत का करारा जवाब- पहलगाम हमले के ठीक 15 दिन बाद, 6-7 मई 2025 की रात भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना, थलसेना, और नौसेना ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। यह ऑपरेशन केवल 25 मिनट में पूरा हुआ, जिसमें भारतीय सेना की सटीकता, तकनीकी कौशल, और रणनीतिक दक्षता का प्रदर्शन हुआ। ऑपरेशन सिंदूर का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं रखा, जो इस हमले में विधवा हुई महिलाओं के प्रति सम्मान और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देने का प्रतीक था। ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया गया। इनमें मुजफ्फराबाद का सवाई नाला कैंप, बहावलपुर का जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय, सियालकोट का महमूना जोया कैंप, और मुरीदके का लश्कर-ए-तैयबा कैंप शामिल थे।
भारतीय सेना ने SCALP क्रूज मिसाइल, हैमर प्रिसिजन-गाइडेड बम, और लोइटरिंग म्यूनिशन जैसे उन्नत हथियारों का उपयोग किया, जिससे आतंकी ठिकानों को न्यूनतम नागरिक क्षति के साथ नष्ट किया गया। इस ऑपरेशन में लगभग 90 आतंकियों के मारे जाने की खबर है, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह: नारी शक्ति का प्रतीक
ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने किया, जिन्होंने भारत की नारी शक्ति का शानदार प्रदर्शन किया। 35 वर्षीय कर्नल सोफिया कुरैशी, जो गुजरात के वडोदरा की निवासी हैं, भारतीय सेना के सिग्नल कोर में सेवारत हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘फोर्स 18’ में भी भारत का नेतृत्व किया था। उनकी रणनीतिक सूझबूझ और दृढ़ निश्चय ने ऑपरेशन सिंदूर को सफल बनाया। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भारतीय वायुसेना की ओर से ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दोनों महिला अधिकारियों ने प्रेस ब्रीफिंग में ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी और स्पष्ट किया कि आतंकी ठिकानों का चयन विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया था। इन दोनों बेटियों ने न केवल आतंकवाद को करारा जवाब दिया, बल्कि महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल कायम की।
देश की एकता और भाईचारा: भारत की असली ताकत- पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की एकता और भाईचारे को और मजबूत किया। सभी धर्मों और समुदायों ने इस सैन्य कार्रवाई का समर्थन किया। प्रमुख मुस्लिम संगठनों जैसे जमीयत उलेमा-ए-हिंद और जमात-ए-इस्लामी हिंद ने भारतीय सेना की कार्रवाई की सराहना की और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई पूरे देश की है। कांग्रेस, राजद, सपा, और अन्य विपक्षी दलों ने भी सरकार और सेना के साथ एकजुटता दिखाई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है। जय हिंद!” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। यह एकता भारत की सच्ची ताकत है, जिसने आतंकियों की सांप्रदायिक साजिश को ध्वस्त कर दिया।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का दमदार रुख- ऑपरेशन सिंदूर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की मजबूत सुरक्षा नीति को प्रदर्शित किया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 13 देशों के राजदूतों को ऑपरेशन की जानकारी दी और स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल आतंकवाद के खिलाफ थी। भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों के नष्ट होने के वीडियो सबूत भी जारी किए।
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने ऑपरेशन की सराहना करते हुए कहा, “किसी भी देश को आतंकवादी हमलों को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। भारत की कार्रवाई उचित है।” हालांकि, पाकिस्तान ने दावा किया कि हमले में नागरिकों को निशाना बनाया गया, लेकिन भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए अपनी कार्रवाई को नपा-तुला और गैर-उकसावे वाला बताया। पहलगाम हमला भारत की शांति, प्रगति, और एकता के खिलाफ एक सुनियOJित साजिश थी। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने इस साजिश को नाकाम करते हुए आतंकवादियों को करारा जवाब दिया। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के नेतृत्व में भारतीय सेना ने न केवल आतंकवाद का खात्मा किया, बल्कि देश की एकता और भाईचारे को और मजबूत बनाया।
यह ऑपरेशन भारत के संकलppp और सामर्थ्य का प्रतीक है, जो यह दर्शाता है कि देश की सुरक्षा और एकता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जैसा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर उन लोगों को करारा जवाब है, जो हमारी सीमाओं, सेना, और नागरिकों को चुनौती देने की हिम्मत करते हैं।” यह भारत की जीरो टॉलरेंस नीति और एकजुटता की जीत है, जो विश्व पटल पर भी गूंज रही है।
मुहम्मद युनुस
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ)
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़