कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष मोहम्मद राशिद मंसूरी ने की
नई दिल्ली। पसमांदा मुस्लिम समाज के अधिकार और न्याय की तहरीक ने उत्तर प्रदेश से शुरू होकर 13 राज्यों में अपनी पहचान बना ली है। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने इस आंदोलन को राष्ट्रीय स्वरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे 85 प्रतिशत मुस्लिम समाज को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति जागरूक करने में अभूतपूर्व सफलता मिली है। इस मुहिम ने अब तक उपेक्षित पसमांदा समाज को बराबरी के अधिकार दिलाने के लिए एक रचनात्मक वातावरण तैयार किया है। उपरोक्त बातें आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुहम्मद यूनुस ने कही, उन्होंने कहा आज, देश की राजधानी दिल्ली में पसमांदा राष्ट्रीय सामाजिक अधिकारिता विमर्श को मजबूत करने के लिए गोविंदपुरी में कार्यालय की स्थापना की गई।
इस अवस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज हनीफ ने कार्यालय का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह कार्यालय अब पूरे देश के 85 प्रतिशत पसमांदा समुदाय के सामाजिक संवैधानिक अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। यह कार्यालय राज्य स्तर के सामाजिक मुद्दों को भारत सरकार तक पहुंचाने में मदद करेगा और पसमांदा मुस्लिम समुदाय के विकास का केंद्र बिंदु बनेगा।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष मोहम्मद राशिद मंसूरी ने की। इसमें दिल्ली महानगर के कॉरपोरेटर, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और पसमांदा मुस्लिम समुदाय के अन्य प्रभावी लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
‘पसमांदा बेदारी‘ नामक संगठन के कार्य उद्देश्य और इतिहास को लेकर एक पत्रक का वितरण भी किया गया। इसमें संगठन की कार्य योजना और अराजनैतिक सामाजिक न्याय के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में बिहार, झारखंड, तेलंगाना, और हरियाणा के प्रदेश अध्यक्षों ने संगठन की राज्यवार प्रगति के बारे में जानकारी दी, ताकि इनकी आवाज केंद्र सरकार की नीतियों तक पहुंच सके।
संगठन के उपाध्यक्ष नफीस मंसूरी ने कहा कि हमारा संगठन 85 प्रतिशत पसमांदा मुसलमानों के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, और शैक्षिक उत्थान के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि पसमांदा समाज मुख्यतः खेतिहर मजदूर, हस्तशिल्पी, तकनीकी कारीगर, बुनकर और छोटे किसान होते हैं, लेकिन शिक्षा और नेतृत्व के अभाव में ये शासन और प्रशासन में नगण्य हैं।
दिल्ली प्रदेश प्रभारी ई. नफीस मंसूरी और कार्यकारी अध्यक्ष शारिक अदीब अंसारी को इस कार्यालय के समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राशिद मंसूरी ने कहा कि यह कार्यालय पसमांदा तहरीक को हिंदुस्तानी मुस्लिम के कार्य एजेंडा में शामिल करेगा और पसमांदा मुस्लिम समाज के आंदोलन का प्रमुख केंद्र बनेगा।
इस अवसर पर जेएनयू के शोधकर्ताओं अभय कुमार मिश्र सहित 100 से अधिक सामाजिक कार्यकर्ता, विभिन्न प्रदेशों के अध्यक्ष और राष्ट्रीय पदाधिकारी मौजूद रहे जिनमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शमीम अंसारी, राष्ट्रीय प्रभारी मोहम्मद अहमद, तेलंगाना के प्रदेश अध्यक्ष अदनान कमर, कोषाध्यक्ष मोहम्मद इदरीस, उ.प्र. के अध्यक्ष शाहीन अंसारी, ताहिर हुसैन, अध्यक्ष अब्दुल हुसैन, डाॅ. खालिद अनीस अंसारी, झारखण्ड प्रभारी अब्दुल रकीब रहमानी, कमल हुसैन, मोहम्मद इरफान, अजीम अहमद दिल्ली यूनिवर्सिटी, शहनवाज अहमद अंसारी, शोएब अहमद, हामिद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी नेहाल अंसारी, फरीद अहमद, मुम्ताज अंसारी, आरिफ,
आदि कार्यकर्ता भारी संख्या में उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम के इतिहास में पहला ऐसा संगठनात्मक कार्यक्रम था, जहां पसमांदा मुस्लिम के सामाजिक न्याय की बात की गई।