वक्फ बाय यूजर प्रावधान को सरकार ने सैद्धांतिक रूप से स्वीकारा
पटना। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज (एआईपीएमएम), एक राष्ट्रवादी सामाजिक संगठन, भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समुदाय के कल्याण और जागरूकता के लिए प्रतिबद्ध है। एनडीए सरकार ने पहली बार एआईपीएमएम को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में पसमांदा समाज की आवाज उठाने का ऐतिहासिक अवसर प्रदान किया है। यह पहली बार है जब ऐसे मंच पर पसमांदा समाज को प्रतिनिधित्व मिला, जो पहले केवल अशरफ मुस्लिम संगठनों तक सीमित था।
एआईपीएमएम ने दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना और लखनऊ में जेपीसी के समक्ष वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर अपने सुझाव प्रस्तुत किए। संगठन ने पसमांदा समाज की भागीदारी बढ़ाने और वक्फ बाय यूजर प्रावधान को बनाए रखने की माँग की, जिसे सरकार ने सैद्धांतिक रूप से स्वीकार किया। पहली बार पसमांदा शब्द को संवैधानिक मान्यता मिली और संगठन को संसद में लिखित सुझाव प्रस्तुत करने का अवसर मिला।
रियाजउद्दीन बख्खो, राष्ट्रीय महासचिव एवं संयुक्त संयोजक (बिहार और झारखंड), ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को 2 मार्च 2025 को पत्र लिखकर विधेयक के प्रावधानों में सुधार का सुझाव दिया गया था। सुहेलुद्दीन अंसारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, ने कहा कि दोनों नेताओं की पहल से वक्फ बाय यूजर प्रावधान को यथावत रखा गया और पसमांदा समाज की भागीदारी सुनिश्चित हुई।
कमरुद्दीन अंसारी, राष्ट्रीय महासचिव (महाराष्ट्र), ने कहा कि संगठन वक्फ संपत्तियों का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक प्रगति के लिए समर्थन करता है, बशर्ते यह पसमांदा समाज के हित में हो। तारिक अनवर, प्रदेश अध्यक्ष (बिहार), ने जोर दिया कि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा संगठन की प्राथमिकता है और नया कानून पारदर्शी प्रबंधन सुनिश्चित करेगा।
डॉ. नसीम, कार्यकारी अध्यक्ष, ने कहा कि यह कानून पसमांदा समाज के सशक्तिकरण में सहायक होगा। निशांत अख्तर, प्रदेश महासचिव (विहार), ने बताया कि संगठन बिहार में गैर-पंजीकृत वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए अभियान चलाएगा। परवेज आलम, प्रदेश उपाध्यक्ष (बिहार), ने भ्रामक प्रचार को खारिज करते हुए शांति की अपील की। शब्बीर आलम, राष्ट्रीय सचिव, ने कहा कि संगठन वक्फ आय को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में निवेश कर समाज के विकास को बढ़ावा देगा।
इस अवसर पर शफी आलम, हाजी मुस्तकीम, तौकीर आलम अंसारी सहित अन्य प्रमुख सदस्य।