प्रिय पसमांदा मुस्लिम भाइयों और बहनों,
अस्सलामु अलैकुम,
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़, भारत सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराए जाने के ऐतिहासिक निर्णय का हृदय से स्वागत करता है। हम इस महत्वपूर्ण कदम के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रति विशेष आभार प्रकट करते हैं, जिनके नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया। साथ ही, हम माननीय विपक्षी नेताओं, श्री राहुल गांधी, श्री नीतीश कुमार, श्री अखिलेश यादव, श्री तेजस्वी यादव, सुश्री ममता बनर्जी, श्री चंद्रबाबू नायडू, और अन्य विपक्षी दलों का भी हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने लंबे समय से जातीय जनगणना की मांग को जोर-शोर से उठाया और इस दिशा में अग्रिम पंक्ति में खड़े रहे। यह जनगणना पसमांदा मुस्लिम समाज सहित सभी हाशिए पर मौजूद समुदायों के लिए सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने का एक स्वर्णिम अवसर है।
हमारी अपील:
1. जातीय जनगणना में सही जाति दर्ज करें: पसमांदा मुस्लिम समाज, जो भारतीय मूल के मुस्लिम हैं, जैसे जुलाहा, बुनकर, कुंजड़ा, मंसूरी, नाई, कसाई, लालबेगी, मोरसी, बखो, नट आदि, को अपनी सही जाति जनगणना के कॉलम में गर्व के साथ दर्ज करानी चाहिए। कुछ तथाकथित अशरफ संगठन भ्रामक प्रचार कर रहे हैं कि जाति के कॉलम में केवल “मुस्लिम” लिखें। हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। अपनी जाति दर्ज करना आपका अधिकार है, जो सामाजिक समानता और न्याय की नींव को मजबूत करेगा। यदि आप अपनी जाति छुपाते हैं, तो यह आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। आपका राशन कार्ड, विधवा पेंशन, सरकारी आवास, बैंक ऋण, और अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ निरस्त हो सकते हैं। इसलिए, अपनी पहचान को स्पष्ट रूप से दर्ज करें और अपने हक को सुरक्षित करें।
2. जातीय जनगणना का महत्व समझें: जातीय जनगणना से मुस्लिम समाज की सभी बिरादरियों की आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक, और राजनीतिक स्थिति के सटीक आंकड़े सामने आएंगे। यह आंकड़े सरकार को यह समझने में मदद करेंगे कि कौन सी बिरादरी शिक्षा, रोजगार, और विकास के मामले में पीछे है। इसके आधार पर सरकार विशेष योजनाएं और सहायता प्रदान करेगी, जिससे पसमांदा मुस्लिम समाज को शिक्षा, रोजगार, और सरकारी योजनाओं में उचित हिस्सेदारी मिलेगी। यह जनगणना हमारे समाज को सशक्त बनाने और अशरफ वर्चस्व को चुनौती देने का एक अनमोल अवसर है।
3. अशरफ संगठनों के भ्रामक प्रचार से सावधान रहें: कुछ अशरफ संगठन, जो मुस्लिम समाज का अल्पसंख्यक हिस्सा हैं, सोशल मीडिया, मस्जिदों, और मजारों जैसे मंचों का दुरुपयोग कर आपको गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। ये संगठन नहीं चाहते कि पसमांदा मुस्लिम समाज की वास्तविक संख्या और ताकत सामने आए, क्योंकि इससे उनकी राजनीतिक और सामाजिक सत्ता को खतरा होगा। हम आपसे अपील करते हैं कि ऐसे भ्रामक प्रचार से सावधान रहें और अपनी जाति को गर्व के साथ जनगणना में दर्ज करें।
4. अशरफ संगठनों का बहिष्कार करें: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ उन सभी अशरफ संगठनों और नेताओं के बहिष्कार की अपील करता है, जो जातीय जनगणना का विरोध कर रहे हैं। ये लोग सदियों से पसमांदा मुस्लिम समाज को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते आए हैं, जबकि हमारे समाज को शिक्षा, रोजगार, और सम्मान के मामले में पीछे रखा गया। अब समय है कि हम अपनी आवाज बुलंद करें और आगामी चुनावों में ऐसे नेताओं और संगठनों को वोट न दें।
5. जागरूकता मुहिम का हिस्सा बनें: हम पसमांदा मुस्लिम समाज को जागरूक करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी मुहिम शुरू कर रहे हैं। हम गांव-गांव, गली-गली तक पहुंचेंगे और आपको जातीय जनगणना के महत्व और इसके लाभों के बारे में बताएंगे। आप भी इस मुहिम का हिस्सा बनें। अपने परिवार, पड़ोसियों, और समुदाय को जागरूक करें। एक-एक व्यक्ति की जागरूकता इस ऐतिहासिक बदलाव को और मजबूत करेगी।
क्यों जरूरी है जातीय जनगणना? जातीय जनगणना हमारे समाज की सच्चाई को सामने लाएगी। यह दर्शाएगी कि पसमांदा मुस्लिम समाज की आबादी और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति क्या है। इससे हमें न केवल सरकारी योजनाओं में हिस्सेदारी मिलेगी, बल्कि हमारी राजनीतिक ताकत भी बढ़ेगी। यह जनगणना उन बिरादरियों को पहचान दिलाएगी जो सदियों से उपेक्षित रही हैं। इसके बिना हमारी आवाज दबती रहेगी और हमारा विकास अधूरा रहेगा।
सावधानी: यदि आप अपनी सही जाति जनगणना में दर्ज नहीं करते, तो आप सरकारी योजनाओं और लाभों से वंचित हो सकते हैं। राशन कार्ड, विधवा पेंशन, सरकारी आवास, बैंक ऋण, और अन्य सुविधाएं आपके लिए बंद हो सकती हैं। इसलिए, यह सुनिश्चित करें कि आप अपनी सही जाति दर्ज करवाएं और अपने भविष्य को सुरक्षित करें।
आह्वान: पसमांदा मुस्लिम समाज के प्रत्येक व्यक्ति से हमारा आग्रह है कि इस ऐतिहासिक अवसर को अपने हाथ से न जाने दें। अपनी जाति को जनगणना में दर्ज करें, अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं, और सामाजिक न्याय की इस लड़ाई में एकजुट हों। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। आइए, हम सब मिलकर अपने समाज को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं और अशरफ वर्चस्व को चुनौती दें।
जय पसमांदा! जय भारत!
मुहम्मद युनुस
मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ