पसमांदा मुसलमानों के लिये जरूरी है वक्फ संशोधन विधेयक 2024: आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज

पसमांदा मुसलमानों की भागीदारी आबादी के अनुपात में हो सुनिष्चित
अलग-अलग बोर्ड के प्रावधान पर जताई आपत्ति
वक्फ बाई यूजर को शामिल किया जाये 
‘वक्फ अलल औलाद’ पर पुनर्विचार किया जाये 
लखनऊ। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज (रजिस्टर्ड) देश के दबे-कुचले, पिछड़े, दलित और आदिवासी पसमांदा मुसलमानों के हितों के लिए कार्यरत एक राष्ट्रवादी गैरसियसी,सामाजिक संगठन है,जो पसमांदा मुस्लिम समाज सामाजिक न्याय दिलाने, उनके अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने के लिए आवश्यक सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनैतिक सुधारों को लागू कराने हेतु निरंतर प्रयासरत है।ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के प्रतिनिधिमंडल ने दिनांक 21/1/2025, होटल मेरियट गोमती नगर लखनऊ में वक्फ संशोधन विधेयक- 2024 पर विचार-विमर्श करने और सुझाव एवम् आपत्तियां दर्ज कराने हेतु संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत किया। महाज ने विधेयक पर निम्नलिखित आपत्तियां और सुझाव प्रस्तुत किए:
1 . विधेयक में वक्फ बोर्ड में केवल एक पिछड़े मुस्लिम सदस्य की अनिवार्यता की बात कही गई है। महाज का मानना है कि यह न्यायसंगत नहीं है, क्योंकि पसमांदा मुसलमान देश की कुल मुस्लिम आबादी का 85 प्रतिशत हैं। पसमांदा मुसलमानों की भागीदारी उनके जनसंख्या अनुपात के अनुसार सुनिश्चित की जाए।
2 . संगठन ने उन संपत्तियों के बारे में चिंता व्यक्त की जो ‘वक्फ अलल औलाद’ के तहत वक्फ की गई थीं, लेकिन आज तक उनके लाभ पसमांदा समाज तक नहीं पहुंचे हैं। महाज ने इस व्यवस्था को समाप्त कर वक्फ संपत्तियों का उपयोग जनकल्याण में किए जाने की मांग की है।
3 . विधेयक में वक्फ संपत्ति के सर्वेक्षण का प्रावधान जिलाधिकारी द्वारा किया गया है। महाज ने मांग की है कि जिलाधिकारी द्वारा सर्वेक्षण समितियों को बनाया जाए जिस में पसमांदा मुसलमानों की जनसंख्या के अनुपात में भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
4 . विधेयक में बोहरा, आगाखानी और खोजा समुदायों के लिए अलग वक्फ बोर्ड बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। महाज ने इस प्रावधान को अस्वीकार्य बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है।
5. महाज ने सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड को समाप्त कर एक मुस्लिम वक़्फ़ बोर्ड बनाने का सुझाव दिया है।
6. महाज ने विधेयक से वक्फ बाई यूजर को हटाए जाने पर आपत्ति जताई है और इसे पारदर्शी रूप से विधेयक में शामिल करने की मांग की है।
7. वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और आय-व्यय का लेखा-जोखा हर वर्ष प्रकाशित करने की मांग की है और सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में व्यक्त चिंताओं को देखते हुए, ठोस निगरानी उपाय लागू करने का सुझाव दिया गया है। इस कार्यक्रम में महाज के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें राष्ट्रीय महासचिव मारूफ अली अंसारी, डॉ. फैयाज अहमद फैजी, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष नेहाल अंसारी, राष्ट्रीय सचिव शाहीन अंसारी, राष्ट्रीय महासचिव हारून राइनी, लखनऊ महानगर अध्यक्ष फैज अंसारी और एडवोकेट शाइस्ता सलमानी प्रमुख रूप से शामिल हुए। ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज़ हनीफ एवम् सीईओ मुहम्मद युनुस ने अपने साझा बयान में प्रतिनिधि मंडल के लोगों को अपना पक्ष दृढ़तापूर्वक रखने के लिए हार्दिक शुभकामनाएं एवम् बधाई दी।